Thursday, November 4, 2010

शुभ दीपावली !

हमेशा से रहा है बैर
अच्छे और बुरे का
उजले काले का
अंधेरे और उजाले का
हमेशा से रहा है बैर, देखो!

है अंधेरे की शिकायत रोशनी से
वो डराता है उसे.
रहने नहीं देता उसे कोने में भी
चुपचाप साये में घनी तन्हाई के.
यह भी शिकायत है कि
हरदम मुँह चिढ़ाकर
कर दिया दुश्वार है उसका निकलना.

पर उजाले ने बड़ी मासूमियत से दी सफ़ाई
क्यूँ भला ऐसा करूँगा मैं
मुझे क्या फ़ायदा है ऐसा करने में
ये सब बातें, सभी इलज़ाम मुझपर
बेवज़ह, बेकार, बेबुनियाद हैं सब.
है भरोसा अपनी सच्चाई पे अंधेरे को तो फिर
उसको बुलवाकर,
कहो आँखों में आँखें डालकर मेरी
कहे इलज़ाम सारे सच हैं जो मुझपर लगाए हैं
अंधेरे ने.
मगर मुझको पता है
है कहाँ हिम्मत भला उसमें
कि मेरे सामने आए
कहे सबसे कि सब इलज़ाम सच हैं
उसने जो मुझपर लगाए हैं.

अंधेरा नहीं पाया
उजाला मुस्कुराया
रख गया नन्हा सा इक दीपक वहाँ
जो दे रहा तन्हाँ चुनौती
उस अंधेरे को
जो फैला था जगत में, दस दिशाओं में.

चलो मिलकर
मनाएँ आज हम त्यौहार दीपों का
मिटा दें वो अंधेरा,
जो भरा अंतस में है अपने
मिटाकर उस अंधेरे को ही
होगी सार्थक दीवाली और ये पर्व दीपों का.

32 comments:

  1. अच्छी कविता
    आपको सपरिवार दिपोत्सव की ढेरों शुभकामनाएँ
    मेरी पहली लघु कहानी पढ़ने के लिये आप सरोवर पर सादर आमंत्रित हैं

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  2. sundar Kavitaa

    ली की आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं

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  3. सुन्दर अभिव्यक्ति...
    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं...

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  4. बेहद उम्दा सन्देश देती आपकी इस कविता के लिए बहुत बहुत आभार !
    आपको और आपके परिवार में सभी को दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं ! !

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  5. सुन्दर कविता
    ...
    दीवाली के शुभ अवसर पर हार्दिक ढेरो शुभकामनाये और बधाई .

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  6. भलाई और बुराई की अच्छी अभिव्यक्ति ! हार्दिक शुभकामनायें

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  7. दीपावली के इस पावन पर्व पर आप सभी को सहृदय ढेर सारी शुभकामनाएं

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  8. अची अभिव्यक्ति .आपको दिवाली की हार्दिक शुभकामनाये.

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  9. मोती सा त्यौहार दिवाली
    ज्योति का त्यौहार दिवाली

    दीप जलें ,जगमग जगमग
    रोशन हर घर में खुशहाली

    यही कामना सच हों सपने
    रहे न कोई पुलाव ख्याली

    चकाचौंध में, भूल न जाना
    कुछ रातें हैं, अब भी काली

    खाएं छककर आप मिठाई
    याद करें, उत्साही भोपाली
    0राजेश उत्साही

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  10. .

    चलो मिलकर मनाएं...

    सुन्दर अभिव्यक्ति।

    शुभ दीपावली।

    .

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  11. सुन्दर सन्देश देती सुन्दर अभिव्यक्ति....... दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं...

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  12. अच्छी लगी यह कविता।
    चिरागों से चिरागों में रोशनी भर दो,
    हरेक के जीवन में हंसी-ख़ुशी भर दो।
    अबके दीवाली पर हो रौशन जहां सारा
    प्रेम-सद्भाव से सबकी ज़िन्दगी भर दो॥
    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
    सादर,
    मनोज कुमार

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  13. आपकी कामना के लिये - आमीन।

    अंधेरे जितने घने होंगे, दीये की उजास उतनी ही असरदार।
    अंधेरों से क्या घबराना है,
    बस्स दीया बनकर जल जाना है।

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  14. :) सलिल सर ...चैतन्य सर .... :)

    हैप्पी दीवाली ............. :)

    खूब भालो कबिता .....

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  15. आपको और आपके परिवार में सभी को दीपावली की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं

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  16. अच्छा सन्देश देती अच्छी रचना ..

    दीपावली की शुभकामनाएं

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  17. मैंने आपके पास इन्हें भेजा है.... इन लोगों का अपने घर पर दीवाली ( 5 Nov 2010) शुक्रवार को स्वागत करें.
    http://laddoospeaks.blogspot.com/

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  18. बहुत सुन्दर! बेहतरीन!
    आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामना!

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  19. सुन्दर भाव। आभार।

    आज दीपावली है। प्रकाश पर्व। अज्ञान के अंधकार को हरने, उसे ज्ञान से प्रकाशित करने तथा रिद्धि -सिद्धि, सुख, सम्पत्ति से जीवन को आप्लावित करने की कामना का त्यौहार।

    ईश्वर से कामना है कि यह दीपोत्सव आप सब के जीवन में सभी मनोकामनाएं पूर्ण करे।

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  20. प्रदूषण मुक्त दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

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  21. संवेदना के स्वर बंधुओ ,
    कोई क्लेश ,कोई संताप ,कोई कलुषता ,कोई द्वेष ,कोई बैर जो हो अंतस में शेष ना रहे इस आलोक पर्व में बस यही दुआ है , हम सभी केवल और केवल प्रेममय हों ! हार्दिक शुभकामनायें !

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  22. दीपावली के इस शुभ बेला में माता महालक्ष्मी आप पर कृपा करें और आपके सुख-समृद्धि-धन-धान्य-मान-सम्मान में वृद्धि प्रदान करें!

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  23. बहुत अच्छी प्रस्तुति।
    चिरागों से चिरागों में रोशनी भर दो,
    हरेक के जीवन में हंसी-ख़ुशी भर दो।
    अबके दीवाली पर हो रौशन जहां सारा
    प्रेम-सद्भाव से सबकी ज़िन्दगी भर दो॥
    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!
    सादर,
    मनोज कुमार

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  24. आपकी रचनाओं का प्रकाश आपके दुख के अँधियारे को हर ले, शुभ दीपावली।

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  25. दीपावली पर्व पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं....

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  26. अच्‍दा है आपका संदेश औश्र पोस्‍ट। याुभ दीपावली।

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  27. आपको सपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।

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  28. दीपावली की असीम-अनन्त शुभकामनायें.

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  29. कहीं न कहीं यह कविता भी आशा ही बंधाती है। पर मन तो हार सा गया है कि आखिर कब इस झूठी दिलासा के सहारे जियें कि कभी तो सुबह होगी, कभी तो इस दुर्व्यवस्था और भ्रष्टाचार के अंधेरे से निकल एक आम इंसान दो वक्त की सूखी रोटी भी ईमानदारी और सुराज के उजाले में खा पायेगा।

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  30. @ Raj ji

    यह दुआ ही तो बाधें है कि
    "वो सुबह कभी तो आयेगी!"

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  31. सुन्दर अभिव्यक्ति...
    दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं...

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  32. आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं

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