मेष राशि:
गोचर के अनुसार, लग्न में बुध होने के कारण, आपके लिए ऊनी कवितायें लिखने का समय आ गया है। जो कवितायें ना लिखते हों, वो इस माह से प्रारम्भ कर सकते हैं। तापमान के बढ़ने के साथ साथ आपकी कविताओं की लोकप्रियता भी बढ़ेगी, किन्तु सर्दियां शुरू होते ही सावधान हो जाएँ. इस मौसम में हो सकता है कि आलोचक आपकी कविता की ऊन उतार लें.
राशि स्वामी मंगल व्यय भाव में होने के कारण ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है, इसके लिये आप ब्लॉग जगत पर नज़र रखें और जिन विषयों पर बहुत सारी टिप्पणियाँ आ रही हों, उन विषयों पर आप भी लिखना शुरू कर दें। इस भेडचाल में मेष राशि के लोगों को अदभुत सफलता मिलाने की संभावनाएं हैं।
वृष राशि:
जिनका जन्म इस राशि में हुआ है, उनके लिए कष्टकारक दशा चल रही है. उन्हें कोल्हू के बैल की तरह मेहनत करनी पड़ेगी. दिन भर में कम से कम १०८ पोस्टों को पढ़ें और कम से कम १०८ टिप्पणियाँ डालें, तब जाकर कहीं अपनी पोस्ट के लिए १८ टिप्पणियों का जुगाड़ कर पाएंगे. अल्पकालिक कष्ट तो आपके लिए बना ही रहेगा. नए ब्लोगर बहुत सोच विचार कर इस माह में ब्लॉग लेखन आरम्भ करें. आपके लिए सलाह यही है कि आँखों पर पट्टी बांधकर सिर्फ सफलता का स्मरण कर अपनी काम में लगे रहें. नए ब्लोगर्स को सफलता अवश्य मिलेगी और जिनकी टिप्पणियाँ कम हो गयीं हों, उन्हें गुप्त धन के रूप में ढेरों टिप्पणियाँ प्राप्त होने का योग है.
मिथुन राशि:
इस राशि के पंडित व विद्वान् जातकों के लिए यह अत्यंत सुनहरा अवसर है. उनका भविष्य अत्यंत उज्जवल है. वे जिन विषयों पर अभी भी लिख रहे हैं, उसे बिलकुल थामे रहें और उसपर अधिक ध्यान केन्द्रित करें. आपका लेखन उत्तरोत्तर प्रगति करेगा और टिप्पणियों की संख्या मंम अनपेक्षित बढ़ोत्तरी होगी. कृपया अपनी पोस्ट लगाते समय इस बात का ध्यान अवश्य रखें वो संध्यावेला में लगाईं जाएँ ताकि पढ़ने वाले को उचित समय और वातावरण मिले.
इस राशि के जातक के लिए मौसम का कोई असर पोस्ट की लोकप्रियता पर नहीं दिखेगा. ध्यान सिर्फ इस बात का रखना है कि अपने विषय से भटकाव न होने पाए.
कर्क राशि:
इस राशि के समूह के लिए वर्षफल सुखदायक नहीं है. यहाँ प्रतियोगिता के साथ कष्ट भी बहुत है. सामान विषयों पर लेखन के कारण इनका एक समूह बन जाता है. और इस राशि के ब्लोगर्स हमेशा समूह बनाकर रहना पसंद करते हैं. किन्तु यह मेल ऊपर से दिखाई देता है. जब एक ब्लोगर की टिप्पणियाँ बढ़ती हैं तो दूसरा सामान राशि का ब्लोगर उसपर बेनामी टिप्पणियों की बौछार कार उसको नीचे खींचने में लग जाता है.
हिम्मत न हारें, क्योंकि यह क्रम चलते ही रहने वाला है. दो चार बेनामी ब्लोगर्स को काम पर रख लें जो आपकी और से दिन भर बेनामी टिप्पणियाँ आपके विरोधियों पर करते रहेंगे.
सिंह राशि:
आपके विरुद्ध आलोचना करने वाले की टिप्पणियों से आपको कोई घबराहट नहीं होगी. आप प्रति टिप्पणियों में उनका विरोध करते रहें. कई और ब्लोगर्स को साथ में लेकर चलें और उनको फोन/मेल द्वारा सूचित कर विरोधी का परास्त करने का आमंत्रण दें। मोडरेशन भूल कर भी न लगाएं. आलोचना की टिप्पणियाँ प्रकाशित होने दें और फिर आलोचक की धुलाई करें।
अगर कोई आलोचना न करे तो अपने ही किसी मित्र को कहकर उससे असहमति क़ी टिप्पणी डलवायें. फिर विरोध करें. इससे आपकी शक्ति क़ी चर्चा होगी, और भविष्य में कोई विरोध के स्वर उठाने का साहस नहीं कर पायेगा. इससे आपको नए पाठक भी मिलेंगे और पुराने भी प्रशंसा करते नज़र आयेंगे.
कन्या राशि:
राशी के चौथे और दसवें भाव में राहू और केतू होने के कारण आपकी हालात धोबी के श्वान सरीखी रहेगी, न घर के न घाट के। शनि की साढेसाती से मनमस्तिष्क स्वम को जकडन में पायेंगे और अगली पोस्ट के लिये विषय चुनने में बहुत कठिनाई आयेंगी।
आपके लिये सरल उपाय है कि किसी महिला ब्लोगर पर बेनामी टिप्पणी कर आलोचना करें इसके बाद उस ब्लोग पर नज़र रखें, शीघ्र ही आप वहा मत विभाजन हुआ पायेंगे। अपनी बात फिर अपने ब्लोग पर पोस्ट लगा कर आगे बढायें इससे न सिर्फ आपकी प्रसिद्धि होगी बल्कि फालोअर्स की संख्या में भी आशातीत वृद्धि होगी।
तुला राशि :
आप पर शनि की साढेसाती अभी अभी ही शुरु हुयी है, शनि आपकी राशी के लिये योगकारक है और जो भी आप लिखेंगे वो हिट जायेगा। आप यदि अखबार की खबर या भौतिकी शास्त्र की किताब के पन्ने भी छाप देंगे तो लोग वाह वाह करेंगे।
शनि की असीम कृपा है आप पर, हसन अली की तरह मस्त रहें आपका कोई कुछ नही बिगाड़ सकता।
वृश्चिक राशि:
आपका सन्देह करने वाला मन ही आपका सबसे बड़ा दुश्मन है। आप क्यों नहीं मान लेते की आप सबसे बड़े ब्लोगर हैं और रहेंगे। आप बार क्यों यह आजमाते हैं कि आपकी सत्ता को कोई चुनोती दे रहा है। लोगों से मिलते मिलाते रहें, फोन खटखटाते रहें सल्तनत बनी रहेगी। दशम भाव में शनि आपको लोकप्रिय बनाये रखेगा, हाँ टिप्पणीयों की संख्या कृष्ण पक्ष में कुछ कम हो सकती है परंतु शुक्ल पक्ष में सब समान्य हो जायेगा। सम्वेदना के स्वर नामक ब्लोग का नियमित पाठ करें लाभ होगा।
धनु राशि:
इस राशि में राहू महाराज विराजमान हैं, बहुत सारे उल्टे सीधे विषयों पर लिखने का मन करेगा, परंतु आप खतरों से न घबरायें हर नयी चुनौती नये अवसर देने वाली साबित होगी। आप अपनी टिप्पणी रुपी प्रत्यंचा पर कुछ श्लोक हमेशा रखे और अवसर मिलते ही निशाने पर दाग दें। इस माह आप पर किसी ब्लोग गिरोह द्वारा आक्रमण होने की प्रबल सम्भावना है। “स” अक्षर से शुरु होने वाले ग्यारह ब्लोग्स की प्रतिदिन ग्यारह बार परिक्रमा करें लाभ होगा।
मकर राशि:
इस राशि के समूह के लिए वर्षफल सुखदायक नहीं है. यहाँ प्रतियोगिता के साथ कष्ट भी बहुत है. सामान विषयों पर लेखन के कारण इनका एक समूह बन जाता है. और इस राशि के ब्लोगर्स हमेशा समूह बनाकर रहन पसंद करते हैं. किन्तु यह मेल ऊपर से दिखाई देता है. जब एक ब्लोगर की टिप्पणियाँ बढ़ती हैं तो दूसरा सामान राशि का ब्लोगर उसपर बेनामी टिप्पणियों की बौछार कार उसको नीचे खींचने में लग जाता है.
हिम्मत न हारें, क्योंकि यह क्रम चलते ही रहने वाला है. दो चार बेनामी ब्लोगर्स को काम पर रख लें जो आपकी और से दिन भर बेनामी टिप्पणियाँ आपके विरोधियों पर करते रहेंगे. क्योंकि आम तौर पर बेनामियों की छिपी पहचान के बावजूद भी उनका वजूद आपको पता चल ही जाता है. इस प्रकार दुष्प्रचार होते हुए भी आपको प्रचार का लाभ मिलता रहेगा.
कुम्भ राशि:
कुम्भ राशि में आज शुक्र और चन्द्र का सुन्दर सयोंग बन रहा है, यह समय है भोग विलास के विषयों को अपनी लेखनी से जाग्रत करने का। बादल, तितली और बारिश पर लिखी कवितायें कम से कम पचास टिप्प्णीयां पूर्णमासी तक अवश्य प्राप्त करेंगी।
लग्न से अष्ठम स्थान पर वक्री शनि होने के कारण कोई मनचली टिप्पणी विवाद की स्थिति पैदा कर सकती है। उपाय के तौर पर किसी ब्लोगर गिरोह के तुरंत सदस्य बनें और उन्हे प्रशंसात्मक टिप्पणीयों का दान दें, राहत मिलेगी।
मीन राशि:
मीन राशि में इस समय, इस राशी के स्वामी बृहस्पति, सूर्य और मंगल के साथ विराजमान हैं, फिर मीन राशि पर शनि की सप्तम दृष्टि भी है, इस कारण गुरु ब्लोगर्स के साथ पंगा लेने का स्वर्णिम अवसर है। इस समय लिये गये पंगे आपके लिये प्रसिद्धि के नये द्वार खोलेंगे।
किसी सिहं राशि वाले की तारीफ में एक पोस्ट लिखें और उसे अपने आफिस के नेट कनेक्शन से, उस दिशा मे मुहं करके पोस्ट करें, जिस दिशा में कलेंडर लगा हो। ध्यान से उस कलेंडर को देखे की आज क्या तारीख है। यदि फर्स्ट अप्रैल लिखा नज़र आये तो ठहाका लगायें और इससे भी अच्छी पोस्ट लिखकर मुस्कुराहटें बाटें, लाभ होग :)
हाँ भैया ! अपनी तो कन्या राशि है ...फल वाचन कर लिया है . एक अप्रेल शुरू हुए अभी कुछ ही मिनट बीते हैं भैया ......सुख भरे दिन बीते रे भैया ....अब दुःख आयो रे ...अभी पता नहीं कितने लोग अच्छे-अच्छे लोगों को उल्लू बनायेंगे ...कितने SMS आयेंगे ...शुरुआत आपने कर ही दी है भैया ......बधाई हो ! भोर होने का भी इंतज़ार नहीं किया, रात से ही चालू हो गए ..लगता है आपके द्वादश शनि की बड़ी कृपा है आप पर इसीलिये बड़े ही रोचक अंदाज़ में पंडितों की ऐसी-तैसी कर दी है ..अपने ऊपर की कृपा में से थोड़ी सी इधर भी उधार दे देते तो अच्छा था. पिछले चार महीने से काले कुत्ते की भूरी पत्नी को काली उड़द के दाल के बड़े बनाकर खिला रहे हैं अभी तक लाभ नहीं हुआ ..कोई और और उपाय बताएं.
ReplyDeleteहम तो ठहरे बैकबेंचर, यहाँ भी वही पिछली सीट मिली:))
ReplyDeleteपोस्ट और उस पर आया अभी तक का अकेला कमेंट ’कैशलेन्द्र जी’ का, मजा आ गया।
हे जातक, अब भी आपको लाभ न हो तो संवेदना के स्वर हैं ही आपके लिए.
ReplyDeleteहा हा!! संध्यावेला में ध्यान रख कर लगाये हैं..देखो, क्या होता है...
ReplyDeleteमस्त लगी यह पोस्ट।
ReplyDeleteअनूठे विषय का चुनाव आपकी खासियत रही है। जिसकी झलक यहां देखने को मिली।
अपनी राशि क्या सभी की राशि में काम की बातें हैं। सभी से अपने मतलब की बातें चुन कर ब्लॉग जगत में झण्डा ऊँचा करने का सूत्र थमा दिया है आपने।
..हा..हा..हा..।
अब समझ आया कि हम संवेदना के स्वर जो नहीं पढ़ते हैं।
ReplyDeleteमहाराज जी अपनी तो धनु राशी है।
ReplyDeleteइसलिए क्या ग्यारह ब्लोग को ढूंढना जरूरी है, बस “सम्वेदना के स्वर“ की 11 ग् 11 परिकर्मा करके काम नही चल सकता ?
महारज गरीब आदमी पे रहम करों।
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ReplyDeleteआचार्य वर ११००८ चैतन्यानन्द जी महाराज की जय !
आपके चरण कहाँ हैं गुरु ? स्पर्श स्वीकार करें ...
आज तो आनंद आ गया ..उम्मीद करता हूँ भविष्य में भी यह प्रवचन होते रहेंगे ! कुटिया शिष्यों से भरी रहेगी गुरु....
जय हो !!
बहुत खूब कहा आपने ......गड़बड़ जाला न हो जाए
ReplyDeleteसावधान रहने की ज़रूरत है सभी राशी वालों को...आपके सलाह को मानना हीं पड़ेगा ..
खुबसूरत लेखनी
्जय हो महाराज्……………हमे तो मरवा ही डाला………हा हा हा
ReplyDeleteजय हो गुरुदेव ..हमारी तो परिक्रमा कर करके ही हालत खराब हो जायेगी :(.
ReplyDeleteचलो हमारे खुश रहने के दिन ख़त्म हो गए
ReplyDeleteअंतिम पैरा पहले पढने की जो आदत है वह आज काम आयी....
ReplyDeleteतुम आई तो ऐसा लगा
ReplyDeleteतुम आई तो ऐसा लगा
तुम आई तो ऐसा लगा
पहली लाइन तो लिख ली अब आगे लिखने का प्रयास जारी है आने वाले दिनों में ब्लॉग जगत में मेरी तरफ से बढे और अत्याचार के जिम्मेदार आप और आप का ये राशी फल होगा |
मतलब सब अच्छा ही होने वाला है।
ReplyDelete.
ReplyDeleteगजब पोस्ट लगाई है आपने , अत्यंत उपयोगी । मजा आ गया । एक confusion है --
हिंदी के अनुसार 'कन्या' राशि हूँ , अंग्रेजी के अनुसार 'कर्क' --कौन सा मान्य होगा इस आलेख में ?
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मन अच्छा
ReplyDeleteतो सब लगे सच्चा।
@ZEAL
ReplyDeleteचन्द्र कुंडली अधिक सटीक मानी जाती है। क्योकिं चंन्द्र्मा प्रत्येक सवा दो दिन में राशि बदल लेता है जबकि सूर्य एक राशि में माह भर रहता है।
जहां तक इस राशिफल का सवाल है, यह आपकी अपनी दुकान है जो राशि आपको पसन्द आये वह चुन लें।
उपाय एक ही है "सम्वेदना के स्वर" की परिक्रमा करते रहें, निश्च्य ही लाभ होगा।
nice
ReplyDelete.
ReplyDeleteचैतन्य जी ,
बहुत बहुत धन्यवाद चन्द्र और सूर्य राशियों का अंतर बताने के लिए। आपकी एक बात बहुत अच्छी लगी - "यह आपकी अपनी दुकान है जो राशि आपको पसन्द आये वह चुन लें।"
परिक्रमा तो लगाते रहेंगे।
Smiles..
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पढकर इस नतीजे पर पहुंचा कि अगर आप अपनी पे उतारू हो जायें तो अच्छे से अच्छे प्रोफेशनल्स को निपटा देंगे :)
ReplyDeleteफिलहाल मुझे मित्रवर पंडित डी.के.वत्स जी की चिंता हो रही है :)
1 April ka raashi fal majedaar hai ....
ReplyDeleteगलत गलत गलत....:)
ReplyDeleteमैंने तो अगला पोस्ट का टाईटल भी चुन लिया है....हा हा हा