tag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post2609294535551535905..comments2023-10-18T21:03:23.343+05:30Comments on सम्वेदना के स्वर: नाम अमर करने की चाहसम्वेदना के स्वरhttp://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-61284054447058589352015-10-12T20:37:15.516+05:302015-10-12T20:37:15.516+05:30ये चम्पू प्रजाति के प्राणी कहीं भी अपना नाम लिखकर ...ये चम्पू प्रजाति के प्राणी कहीं भी अपना नाम लिखकर या ऊटपटांग चित्र बनाकर ख़ुश होते हैं कि वे भी अब इतिहास में याद किये जायेंगे ... दो हज़ार साल बाद उनके वारिस आयेंगे और पम्मी-बिजेंदर, नीलू-रमेश, रुख़साना-हामिद का नाम पढ़कर उनके नाम के कसीदे पढ़ेंगे । न जाने कितनी इमारतों की इन चम्पुओं ने ऐसी कम तैसी करके रख दी है । <br /> बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-81955670089582526962010-09-18T04:26:52.340+05:302010-09-18T04:26:52.340+05:30हमारा एक कमीना नारा है....हम तो नहीं सुधरेंगे........हमारा एक कमीना नारा है....हम तो नहीं सुधरेंगे......Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-57446507800434855602010-09-16T17:09:31.141+05:302010-09-16T17:09:31.141+05:30शर्मनाक।
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ब्लॉगर्स की इज्जत का सवाल है।
क...शर्मनाक।<br />---------<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">ब्लॉगर्स की इज्जत का सवाल है।</a><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">कम उम्र में माँ बनती लड़कियों का एक सच।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-52245590521035635612010-09-16T17:01:40.785+05:302010-09-16T17:01:40.785+05:30ऐसे कई स्मारक देखे है जहां शेरो शायरी और आज के लैल...ऐसे कई स्मारक देखे है जहां शेरो शायरी और आज के लैला मजनू के किस्से लिखे रहते है और उस पर आने वाले आमिर खान जी का एड की हमें इन इमारतो को गन्दा नहीं करना चाहिए क्योंकि ये हमारी रष्ट्रीय धरोहर है किसी काम का नज़र नहीं आता क्योंकि आज जब ये प्रेमी युगल मंदिरों को नहीं बक्शते तो इन इमारतो को कैसे बक्श सकते है ! कुछ साल पहले की बात है जब कृष्ण की नगरी वृन्दावन गयी थी वहाँ के कई मंदिरों में ऐसे ही फ़साने पढने को मिले बड़ी हैरत हुई थी देख कर क्योंकि मंदिर की दीवारों पर मैंने पहली बार ही ऐसा सब देखा था ! पता नहीं हम कब सुधरेंगे !soni garg goyalhttps://www.blogger.com/profile/04213856425345615300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-57489391220440695132010-09-16T11:32:21.861+05:302010-09-16T11:32:21.861+05:30अच्छा लिखा आपने ....सुन्दर प्रस्तुति.
_________...अच्छा लिखा आपने ....सुन्दर प्रस्तुति. <br /><br />_____________________________<br />'पाखी की दुनिया' - बच्चों के ब्लॉगस की चर्चा 'हिंदुस्तान' अख़बार में भी.Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-15288298174077847562010-09-15T21:57:40.518+05:302010-09-15T21:57:40.518+05:30ऐतिहासिक स्मारकों की सम्वेदना समझने और समझाने के ल...ऐतिहासिक स्मारकों की सम्वेदना समझने और समझाने के लिए धन्यवाद !!! मुझे भी पीड़ा होती है जब इस प्रकार के कृत्यों से इन स्मारकों पर प्रहार होते हुए दिखाई पड़ता है...और खुशी होती है जब आप जैसा सम्वेदनशील कोई मित्र मिल जाता है जो इन ईमारतों की कराहों को सुन सकता है ।मनोज भारतीhttps://www.blogger.com/profile/17135494655229277134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-41166992372921072472010-09-15T21:23:07.741+05:302010-09-15T21:23:07.741+05:30सार्थक लेखन...बधाई.सार्थक लेखन...बधाई.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-50401710428197713622010-09-15T20:52:26.508+05:302010-09-15T20:52:26.508+05:30बेहतरीन पोस्ट.बेहतरीन पोस्ट.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-13459995312985683992010-09-15T19:45:53.464+05:302010-09-15T19:45:53.464+05:30अच्छे विषय पर सार्थक लेखन के लिए आभार।
कई बार मुझे...अच्छे विषय पर सार्थक लेखन के लिए आभार।<br />कई बार मुझे भी लगा है कि इन मुर्खों ने पूरी दीवार ही गंदी कर दी!देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-62849080329376510982010-09-15T19:07:34.432+05:302010-09-15T19:07:34.432+05:30Sach...bada dukh hota hai,jab aitihasik imaraton p...Sach...bada dukh hota hai,jab aitihasik imaraton pe istarah naam likhe milte hain..ek karah mere dilse bhi nikal gayi!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-75609997545352054782010-09-15T15:29:03.893+05:302010-09-15T15:29:03.893+05:30pichhle hafte main bhi gai thi red fort ye gandagi...pichhle hafte main bhi gai thi red fort ye gandagi har jagah bikhri hui hai... apni viraasat apne haanth se tabaah kar rahe haisonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-31351416665046610862010-09-15T15:21:28.377+05:302010-09-15T15:21:28.377+05:30जागरूक करने वाली पोस्ट और लिखने का तरीका भी बहुत स...जागरूक करने वाली पोस्ट और लिखने का तरीका भी बहुत संवेदनशील ...काश इमारतों की दीवारों की कराह वो लोंग सुन सकें जो इस धरोहरों को गंदा करते हैं ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-82003915046308660802010-09-15T11:14:36.683+05:302010-09-15T11:14:36.683+05:30बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थ...<i><b><br />बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !<br /><br />आशा है कि अपने सार्थक लेखन से, आप इसी तरह, हिंदी ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।<br /><br /><a href="http://blog4varta.blogspot.com/2010/09/4_15.html" rel="nofollow">आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है-पधारें</a> </b></i>शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-41017573139504403892010-09-15T10:53:03.729+05:302010-09-15T10:53:03.729+05:30विकराल समस्या है…………………और उपाय का पता नही………………गंभ...विकराल समस्या है…………………और उपाय का पता नही………………गंभीर और सार्थक आलेख्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-63725335777086191942010-09-15T08:35:19.530+05:302010-09-15T08:35:19.530+05:30क्या कहें..समस्या तो है!
हिन्दी के प्रचार, प्रसा...क्या कहें..समस्या तो है!<br /><br /><br /><b>हिन्दी के प्रचार, प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है. हिन्दी दिवस पर आपका हार्दिक अभिनन्दन एवं साधुवाद!!</b>Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-49746205345091885682010-09-15T07:42:23.369+05:302010-09-15T07:42:23.369+05:30.
ऐतिहासिक धरोहर का सम्मान करना चाहिए। काश हमारी य....<br />ऐतिहासिक धरोहर का सम्मान करना चाहिए। काश हमारी युवा पीढ़ी इस बात को समझ सकती। साथ में जाने वाले बड़े बुजुर्ग बच्चों को इस शर्मनाक हरकत से रोक सकते हैं। सरकार को भी ऐतिहासिक जगहों पर कुछ नोटिस बोर्ड लगाने चाहिए की ' दीवारों पर लिखना मन है ' आदि। <br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-84279510697903627712010-09-15T07:05:26.520+05:302010-09-15T07:05:26.520+05:30ये ख्याल कि मेरा मौजूदगी साबित हो याकि मैं इतिहास ...ये ख्याल कि मेरा मौजूदगी साबित हो याकि मैं इतिहास में खुद बखुद नक्श हो जाऊं ? के लिहाज़ से एतिहासिक धरोहरों से छेड़खानी सरासर ज़ुल्म है ! मसला ये कि बाजू में खड़े होकर फोटो खिंचवाने से अगर ये अभिलाषा पूरी हो जाये तो भी चलेगा क्योंकि इसके नक्श बंदे के पर्सनल एल्बम के अलावा कहीं और दिखाई नहीं देते पर...जिस लम्हा खुद का आड़ा टेढापन पुराने वक़्त पर जबरिया थोपा जाये उसे बदतमीजी के सिवा और कोई नाम देना मुश्किल है ! आपने इसे बलात्कार कहा, मैं सहमत हूं !<br /><br />एक सुन्दर ,सार्थक पोस्ट की मुबारकबाद क़ुबूल फरमाइए !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-6582943628568840222010-09-15T00:11:43.420+05:302010-09-15T00:11:43.420+05:30कुछ लोगों को अपने ऐतिहासिक इमारतों के महत्व का पता...कुछ लोगों को अपने ऐतिहासिक इमारतों के महत्व का पता नहीं होता। वे आत्मकेंद्रित होकर जिंदगी बिता देते हैं। इस तरह की हरकतों पर सजा मिलनी चाहिए।लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-84194899771163701912010-09-14T23:20:22.022+05:302010-09-14T23:20:22.022+05:30लोगों को जागरूक करती रचना। बहुत सही कहा आपने। इस त...लोगों को जागरूक करती रचना। बहुत सही कहा आपने। इस तरह से हम अपने ऐतिहासिक धरोहर के साथ अन्याय ही तो करते हैं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-65477969225479464162010-09-14T22:36:30.174+05:302010-09-14T22:36:30.174+05:30सच कहा आपने। बेवकूफी की हद है।सच कहा आपने। बेवकूफी की हद है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-88177376320685217772010-09-14T22:03:07.494+05:302010-09-14T22:03:07.494+05:30पुराने खंडरों में घूमने का एक नया अंदाज़.............पुराने खंडरों में घूमने का एक नया अंदाज़............. <br /><br />अच्छा लगा......दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-37550866433534878892010-09-14T21:53:18.317+05:302010-09-14T21:53:18.317+05:30शाश्वत समस्या है।शाश्वत समस्या है।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-4329947381774837172010-09-14T21:27:32.389+05:302010-09-14T21:27:32.389+05:30बढ़िया प्रस्तुति .... आभार.
हिंदी दिवस की शुभ कामन...बढ़िया प्रस्तुति .... आभार.<br /><br />हिंदी दिवस की शुभ कामनाएं<br /><br />एक बार पढ़कर अपनी राय दे :-<br />(आप कभी सोचा है कि यंत्र क्या होता है ..... ?)<br />http://oshotheone.blogspot.com/2010/09/blog-post_13.htmlओशो रजनीशhttps://www.blogger.com/profile/02490589981699767958noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-21619637185910983972010-09-14T21:09:39.282+05:302010-09-14T21:09:39.282+05:30आज तो दुखती रग पर हाथ रख दिया आपने. एतिहासिक इमारत...आज तो दुखती रग पर हाथ रख दिया आपने. एतिहासिक इमारतों और खंडरों से हमें भी लगाव है और उन पर चिपकी ये चिप्पियाँ बहुत मन दुखाती हैं. बेहद संवेदनशीलता से लिखा है आपने. एक सांस में पढ़ गई .shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-31376399857480224312010-09-14T21:07:27.264+05:302010-09-14T21:07:27.264+05:30बेहद उम्दा प्रस्तुति .........बेहद उम्दा पोस्ट ......बेहद उम्दा प्रस्तुति .........बेहद उम्दा पोस्ट ......एक सार्थक पहल .....सटीक मुद्दा !<br />कल और आज दोनों ही दिन आपने जो पोस्टे लगाई है अगर लोग उनसे सबक ले कर अपने आप को थोडा भी सुधर लें तो देश का बहुत भला हो !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.com