tag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post3192859937220170815..comments2023-10-18T21:03:23.343+05:30Comments on सम्वेदना के स्वर: मेकाइवली - शैतान का वकीलसम्वेदना के स्वरhttp://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-23176790754765060852011-02-01T20:21:03.755+05:302011-02-01T20:21:03.755+05:30जानकारी और सीख देती पोस्ट शुक्रिया आपका|जानकारी और सीख देती पोस्ट शुक्रिया आपका|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-42137853593239262772011-02-01T12:29:42.849+05:302011-02-01T12:29:42.849+05:30जानकारी और सीख देती पोस्ट ...
पहली बार आप के ब्लॉग...जानकारी और सीख देती पोस्ट ...<br />पहली बार आप के ब्लॉग पर आया हूँ आकर बहुत अच्छा लगा , <br />कभी समय मिले तो //shiva12877.blogspot.com ब्लॉग पर भी अपने एक नज़र डालें ..शिवाhttps://www.blogger.com/profile/14464825742991036132noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-41978350468482983342011-01-31T16:41:43.846+05:302011-01-31T16:41:43.846+05:30अंग्रेजों की कुटिल निति के पीछे शायद यही महानुभाव...अंग्रेजों की कुटिल निति के पीछे शायद यही महानुभाव रहे हो प्रेरणास्रोत बनाकर..... भाषा तो अब छीन ही चुकी है बाकी बीज भी पेड़ बनने लगे है......... मेकाईवली पर जानकारी देती सुंदर प्रस्तुति.उपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-46214662290162915602011-01-30T19:19:41.635+05:302011-01-30T19:19:41.635+05:30आँखें खोल देने वाली पोस्ट। इसको पढ़ना आज भी प्रासं...आँखें खोल देने वाली पोस्ट। इसको पढ़ना आज भी प्रासंगिक है।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-39065211700072496122011-01-30T16:01:31.529+05:302011-01-30T16:01:31.529+05:30मेकले के ये उद्गार अधिकतर लोगों को पता हैं .. आशा ...मेकले के ये उद्गार अधिकतर लोगों को पता हैं .. आशा है नेताओं को भी पता हैं ... पर कोई इस बात पर ध्यान नही देगा ... राष्ट्र वाद का नारा सच में कोई बुलंद नही करना चाहता ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-82533174970872145202011-01-29T21:31:44.335+05:302011-01-29T21:31:44.335+05:30लार्ड मैकाले द्वारा अपने पिता को लिखा गया एक पत्र ...लार्ड मैकाले द्वारा अपने पिता को लिखा गया एक पत्र पढ़ा था मैंने, वर्तमान शिक्षा व्यवस्था का औचित्य साफ़ समझ आ जाता है।<br />बेहतरीन जानकारी देता लेख।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-56682869236225195372011-01-29T15:58:27.084+05:302011-01-29T15:58:27.084+05:30संवेदना के स्वर बंधुओ ,
आपने छात्र जीवन की यादें त...संवेदना के स्वर बंधुओ ,<br />आपने छात्र जीवन की यादें ताज़ा करा दीं ! स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा में इस बंदे पर मैंने कई पन्ने रंगे थे :)<br />वो कलम घसीटी व्यक्तिगत उपलब्धि (अंकों ) के लिए थी पर आपने इसे सार्थकता प्रदान की है !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-13926441428232773672011-01-29T01:14:12.457+05:302011-01-29T01:14:12.457+05:30मैक्यावली से लेकर लार्ड मैकाले के विचारों को बड़ी ...मैक्यावली से लेकर लार्ड मैकाले के विचारों को बड़ी सुंदरता से अभिव्यक्ति देते हुए आज के संदर्भ में हम किस रूप में गुलाम हैं, इसकी सुंदर जानकारी देने के लिए आभार । क्या हमारे राजनेता भी मैक्यावली की तरह ही शैतान के वकील साबित नहीं हो रहे ???मनोज भारतीhttps://www.blogger.com/profile/17135494655229277134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-13020707820442739952011-01-28T23:53:19.715+05:302011-01-28T23:53:19.715+05:30मेकाईवली ने यह भी बताया है:
1. जनता को स्वतंत्रता...मेकाईवली ने यह भी बताया है: <br />1. जनता को स्वतंत्रता के वातावरण में रहने देना सबसे निकृष्ट विकल्प है, क्योंकि यह उनको शासक के विरुद्ध विद्रोह करने को प्रोत्साहित करता है. <br />2. यह सही है कि शासक बने रहना सरल नहीं. इसके लिए जनता के साथ निश्चित जोड़ तोड़ और भविष्य की रणनीति की सतत् गणना की आवश्यकता होती है. <br />3. वे जो सत्ता में बने रहना चाहते हैं, उन्हें मित्र बनाने और विरोधियों पर विजय पाने के लिये बल या छल का प्रयोग करना चाहिये <br />4. लोकप्रिय बने रहना और जनता के मन में भय पैदा करना, अनुकरणीय बने रहना और सेना द्वारा सम्मान पाना, <br />5. जो शक्तिशाली हैं अथवा जिनसे ख़तरा है उनका विनाश, पुरानी व्यवस्था को नए से विस्थापित करना<br />.<br />अच्छी रूल बुक दे गए मेकाईवली साहब!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-19181213277940344232011-01-28T23:16:06.101+05:302011-01-28T23:16:06.101+05:30इतिहास के पन्नो से उम्दा जानकारी प्रस्तुत की है, क...इतिहास के पन्नो से उम्दा जानकारी प्रस्तुत की है, काफी ज्ञानवर्धक लेख सुंदर शब्दों में. <br /><br />बधाई और आभार बढ़िया जानकारी देने के लिए.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-21429765402531781862011-01-28T22:00:29.820+05:302011-01-28T22:00:29.820+05:30Abhyas poorvak likha gaya sashakt aalekh.Abhyas poorvak likha gaya sashakt aalekh.kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-85751753581265814012011-01-28T21:55:19.718+05:302011-01-28T21:55:19.718+05:30इतनी अच्छी जानकारी देने के लिए शुक्रिया। मुझे इनके...इतनी अच्छी जानकारी देने के लिए शुक्रिया। मुझे इनके बारे में कुछ भी नहीं पता था।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-16062510118573824412011-01-28T21:53:45.360+05:302011-01-28T21:53:45.360+05:30अंग्रेजों की प्रशासनिक शैली में इसकी गन्ध आती है।अंग्रेजों की प्रशासनिक शैली में इसकी गन्ध आती है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-13359807420651455262011-01-28T20:55:27.706+05:302011-01-28T20:55:27.706+05:30जानकारी के लिए धन्यवाद।जानकारी के लिए धन्यवाद।सोमेश सक्सेना https://www.blogger.com/profile/02334498143436997924noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-12359138729597035442011-01-28T18:42:58.405+05:302011-01-28T18:42:58.405+05:30लार्ड मैकाले ने यह तब कहा था..और आज तक बाहरी लोग य...लार्ड मैकाले ने यह तब कहा था..और आज तक बाहरी लोग यही कर रहे हैं और हमें अब भी समझ में नहीं आता.हिंदी में अंग्रेजी के शब्द घुसाने का षड्यंत्र जारी है और हम बड़े गर्व से उसे अपना रहे हैं..shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-82644270202669274002011-01-28T17:54:37.025+05:302011-01-28T17:54:37.025+05:30काफी नयी जानकारी मिली ... आभार |काफी नयी जानकारी मिली ... आभार |शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-45739115133927884872011-01-28T17:20:41.855+05:302011-01-28T17:20:41.855+05:30कुछ भी कहो लार्ड मैकाले प्रखर बुद्दिमान और दूरदृष्...कुछ भी कहो लार्ड मैकाले प्रखर बुद्दिमान और दूरदृष्टा था, उसने अंग्रेजो को तो सही दिशानिर्देश दिया था।<br />मैकाले सफल हो गया और आज भी आज भी सफ़ल है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04417160102685951067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-76365974334734183532011-01-28T16:39:09.187+05:302011-01-28T16:39:09.187+05:30gyaanvardhakgyaanvardhaksonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-87692070374508984742011-01-28T15:42:49.963+05:302011-01-28T15:42:49.963+05:30एक बहुत अच्छा जानकारी युक्त लेख, कई तथ्य पता ही नह...एक बहुत अच्छा जानकारी युक्त लेख, कई तथ्य पता ही नहीं थे ! आभार !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-59172435192996938762011-01-28T15:12:20.792+05:302011-01-28T15:12:20.792+05:30तो ये कारण हमारी भाषा संस्कृति के पतन का, अंग्रेजो...तो ये कारण हमारी भाषा संस्कृति के पतन का, अंग्रेजो यही निती अपनायी। <br />जानकारी के आभारDeepak Sainihttps://www.blogger.com/profile/04297742055557765083noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-71746400626063159712011-01-28T14:44:02.301+05:302011-01-28T14:44:02.301+05:30शेक्सपीयर के नाटकों के मूल में रहे हैं मैकियावली.....शेक्सपीयर के नाटकों के मूल में रहे हैं मैकियावली.. बहुत सुन्दर आलेख है यह... लार्ड मैकाले ने भी ऐसा ही कुछ कहा था ब्रिटिश संसद में.. काश हम कुछ सुन पाते..अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-29102448247093786222011-01-28T14:41:21.227+05:302011-01-28T14:41:21.227+05:30जानकारी और सीख देती पोस्ट शुक्रिया आपकाजानकारी और सीख देती पोस्ट शुक्रिया आपकाकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.com