tag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post3198048489934857306..comments2023-10-18T21:03:23.343+05:30Comments on सम्वेदना के स्वर: प्रेम गली अति साँकरी, जा में दो न समाएँसम्वेदना के स्वरhttp://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comBlogger42125tag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-59813163508081307682010-12-15T12:11:22.342+05:302010-12-15T12:11:22.342+05:30@दीपक बाबा जी
@नीरज गोस्वामी जी
धन्यवाद !@दीपक बाबा जी<br />@नीरज गोस्वामी जी<br /><br />धन्यवाद !सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-72180137593464686682010-12-15T10:46:09.050+05:302010-12-15T10:46:09.050+05:30सलामत रहे दोस्ताना तुम्हारा...
आप दोनों के जुड़ने ...सलामत रहे दोस्ताना तुम्हारा...<br />आप दोनों के जुड़ने से फायदा पाठकों का है जिन्हें इतनी अच्छी सामग्री पढ़ने को मिल जाती है...शायद आपको पता हो लेखन में दो जानो ने लिखने की शुरुआत बहुत पहले राजेंद्र यादव और मन्नू भंडारी जी ने की थी. उन दोनों ने मिल कर एक उपन्यास लिखा था " एक इंच मुस्कान" आजकल बाजार में फिर से मिल रहा है...बहुत बढ़िया प्रोयोग था वो. उसका एक चेप्टर राजेंद्र लिखते और दूसरा मन्नू जी...दोनों की लेखन शैली का मजा एक ही उपन्यास में आ गया था... ये प्रयोग फिर आगे नहीं हुए...<br />सलीम जावेद की जोड़ी के इतने वर्षों बाद अब आपकी जोड़ी आनंद दे रही है...लिखते रहें.<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-66233516100683419292010-12-14T21:52:16.687+05:302010-12-14T21:52:16.687+05:30भाई बहुत बहुत बधाई आप दोनों को........
पता नहीं ...भाई बहुत बहुत बधाई आप दोनों को........ <br /><br />पता नहीं ये बधाई आपको देनी चाहिए या नहीं, पर मैं कायल हूं कि किस प्रकार आपकी टाइमिंग फिक्स है - जैसे राजा और नीरा की.......<br /><br />अरे अरे...... कहाँ बात ले गया.....<br /><br />ये बात मानता हूं प्रेम गली अति साँकरी ......<br /><br />ईश्वर से प्राथना है कि ये उर्जा बनी रहे..... बरसों........ ताकि हमको भी प्रेरणा यूँ लगातार मिलती रहे.दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-10957807994063727132010-12-14T21:49:14.580+05:302010-12-14T21:49:14.580+05:30पांच लाख से भी जियादा लोग फायदा उठा चुके हैं
प्यार...पांच लाख से भी जियादा लोग फायदा उठा चुके हैं<br />प्यारे मालिक के ये दो नाम हैं जो कोई भी इनको सच्चे दिल से 100 बार पढेगा। <br />मालिक उसको हर परेशानी से छुटकारा देगा और अपना सच्चा रास्ता<br /> दिखा कर रहेगा। वो दो नाम यह हैं।<br />या हादी<br />(ऐ सच्चा रास्ता दिखाने वाले)<br /><br />या रहीम<br />(ऐ हर परेशानी में दया करने वाले)<br /><br />आइये हमारे ब्लॉग पर और पढ़िए एक छोटी सी पुस्तक <br />{आप की अमानत आपकी सेवा में} <br />इस पुस्तक को पढ़ कर<br /> पांच लाख से भी जियादा लोग <br />फायदा उठा चुके हैं ब्लॉग का पता है aapkiamanat.blogspotcomThakur M.Islam Vinayhttps://www.blogger.com/profile/06700382536245661214noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-60945906974692552032010-12-14T21:28:46.474+05:302010-12-14T21:28:46.474+05:30विचार शून्य जी:
अरे बाप रे! भक्त! महाराज, क्यों पा...<b>विचार शून्य जी:</b><br />अरे बाप रे! भक्त! महाराज, क्यों पाप का भागी बना रहे हैं!!<br /><b>दिगम्बर नासवा जी:</b> <br />धन्यवाद! हुसैन बंधुओं के सलिल जी भी दीवाने हैं..कहते हैं उनहोंने हसरत साहब को दुबारा ज़िंदा कर दिया! और गायकी कमाल.<br /><b>रचना जी:</b><br />हौसला और विश्वास, आपकी दोनों सीख को उतारने कि कोशिश कर रहे हैं.. आभार!!<br /><b>जगदीश बाली जी:</b><br />:)सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-89228243390572207492010-12-14T20:57:28.290+05:302010-12-14T20:57:28.290+05:30बहुत रोचक व मन को गुदगुदाने वाला ! मन हल्का हो गया...बहुत रोचक व मन को गुदगुदाने वाला ! मन हल्का हो गया !JAGDISH BALIhttps://www.blogger.com/profile/12672029642353990072noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-35442671687420655772010-12-14T17:44:08.693+05:302010-12-14T17:44:08.693+05:30आपकी पोस्ट कल जबसे पढ़ी है मन में न जाने पुराने कित...आपकी पोस्ट कल जबसे पढ़ी है मन में न जाने पुराने कितने ही विचार भ्रमण करने लगे सच मानिए क्या कुछ नहीं याद आ गया बस इतना कहूँगी की "जहाँ चाह वहां राह" करने को या मन ठान लेने पर कुछ भी मुश्किल नहीं बस हौसला और एक दूसरे पर विश्वास करना सीखने की जरुरत है आभाररचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-60125354849668614582010-12-14T16:19:53.659+05:302010-12-14T16:19:53.659+05:30जोड़ी सलामत रहे !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञजोड़ी सलामत रहे !<br />-ज्ञानचंद मर्मज्ञज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-70184030791847661862010-12-14T13:15:15.229+05:302010-12-14T13:15:15.229+05:30@निर्मला कपिला जी:
निम्मो दी! आपका आशीर्वाद हमारी ...<b>@निर्मला कपिला जी:</b><br />निम्मो दी! आपका आशीर्वाद हमारी प्रेरणा है!<br /><b>@अली सा:</b><br />आप वो पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने हमारे पहले कमेन्ट पर ही संवेदना के स्वर द्वय/बंधुओ कहकर संबोधित किया था. आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरें यही हमारी चेष्टा होगी! <br /><b>@प्रवीण पाण्डेय जी:</b><br />जब सोच मिलने लगती है तो अभिव्यक्ति में भी सामंजस्य साफ़ दिखने लगता है. <br /><b>सुशील बाकलीवाल जी:</b><br />जैसे नदी के दो किनारे या रेल की दो पटरियाँ, बाहर से भले दो नज़र आते हों पर नदी और रेल पर से देखें तो बस एक। प्रेम शायद वो ब्लैक होल है जहां कुछ नहीं बचता प्रेम के सिवा। दो, तीन, चार... सब गिनती समाप्त। इस प्रेम गली में सब का स्वागत है। <br /><b>ज़ील: </b><br />धन्यवाद!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-91112550199124821722010-12-14T13:03:05.748+05:302010-12-14T13:03:05.748+05:30हम तो भगवान् से दुआ करेंगे की आपकी जोड़ी बनी रहे ....हम तो भगवान् से दुआ करेंगे की आपकी जोड़ी बनी रहे ... आप इतना अच्छा लिखते रहें ... वैसे ग़ज़ल गाने वालों की भी एक जोड़ी है अहमद हुसैन मोहम्मद हुसैन जिसका मैं उतना ही दीवाना हूँ जितना आपका ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-164687067778037622010-12-14T11:11:07.571+05:302010-12-14T11:11:07.571+05:30इस जानकारी के लिए आभार।इस जानकारी के लिए आभार।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-91237604098263581052010-12-14T10:13:42.873+05:302010-12-14T10:13:42.873+05:30मुझे तो ऐसा लगता है कि जब दो होंगे तो ही प्रेम-गली...मुझे तो ऐसा लगता है कि जब दो होंगे तो ही प्रेम-गली बन पावेगी । हाँ ये जरुर कहा जा सकता है कि जा में और (तीसरा) ना समाएं.Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-65784618390450158342010-12-14T09:52:03.552+05:302010-12-14T09:52:03.552+05:30अज पहली बार पता चला आपकी जोडी का सच। नाम मे क्या र...अज पहली बार पता चला आपकी जोडी का सच। नाम मे क्या रखा है? जब संवेदनायें एक जैसी हों? ये संवेदनायें तो सागर से गहरी और आकाश से अधिक विस्तरित होती हैं जब इनमे दो इन्सान समा जायें तो स्वर मुखर हो उठते हैं। बस ये संवेदना के स्वर मुखर रहें । आपकी जोडी को सलाम, शुभकामनायें, आशीर्वाद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-22974458974769169232010-12-14T08:48:58.694+05:302010-12-14T08:48:58.694+05:30संवेदना के स्वर बंधुओ ,
जुगलबंदी सलामत रहे ! दुआ य...संवेदना के स्वर बंधुओ ,<br />जुगलबंदी सलामत रहे ! दुआ ये कि आप जिन 'नायकों/फिल्मों'पर हाथ डालें वो सुपरहिट हो जायें !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-81479446603714825772010-12-14T02:46:20.165+05:302010-12-14T02:46:20.165+05:30बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !
आशा है कि अपने सार्थ...<i><b><br />बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाई !<br /><br />आशा है कि अपने सार्थक लेखन से,आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।<br /><br /><a href="http://blog4varta.blogspot.com/2010/12/4_14.html" rel="nofollow">आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है - पधारें - पैसे का प्रलोभन ठुकराना भी सबके वश की बात नहीं है - इस हमले से कैसे बचें ?? - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा </a> </b></i>शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-35279966650856960352010-12-13T23:18:28.157+05:302010-12-13T23:18:28.157+05:30एक लय में दोनों का लिखना बड़ा कठिन कार्य है, शैलिय...एक लय में दोनों का लिखना बड़ा कठिन कार्य है, शैलियों का मिलान बहुत ही कठिन।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-56967773265868747672010-12-13T23:06:44.749+05:302010-12-13T23:06:44.749+05:30आपका ब्लॉग मेरे पसंदीदा ब्लोग्स में से एक है. आप ल...आपका ब्लॉग मेरे पसंदीदा ब्लोग्स में से एक है. आप लोगों की जुगलबंदी ऐसे ही चलती रहे यही कामना करता हूँ. मन में लिखने को तो बहुत कुछ है पर बस अभी इतना ही की मुझे अपने अनेक भक्तों में से एक मानिये.VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-75106285813388253292010-12-13T23:05:26.735+05:302010-12-13T23:05:26.735+05:30@मो सम कौन जी:
हम आज भी Bouquets & Brickbats ...<b>@मो सम कौन जी:</b><br />हम आज भी Bouquets & Brickbats साथ साथ सम्भालते हैं... मगर आप जैसे मित्रों का साथ और शुभकामनाएं, हमारे सबसे बड़े इनाम हैं!!<br /><b>@मनोज कुमार जी:</b><br />सचमुच आपका वह अनोखा प्रयास था... अब हमें ही देख लीजिए.. हमने गज़ल भी लिखी तो मक्ते में जहां शायर अपना नाम लिखता है, वहाँ भी हमने संवेदना के स्वर ही लिखा... हमारे स्वप्निल कुमार ‘आतिश’ तो यह प्रयोग देखकर हमेशा आश्चर्य करते हैं!!<br /><b>@सतीश सक्सेना जी:</b><br />सर जी!मान गए! गुरुदेव, क़यामत की नज़र रखते हैं!!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-58747151529644426002010-12-13T22:52:38.594+05:302010-12-13T22:52:38.594+05:30अभी भी नहीं मालूम यह किसने लिखी है, अंदाजा है कि च...अभी भी नहीं मालूम यह किसने लिखी है, अंदाजा है कि चैतन्य की है ! मगर सलिल को मुबारक बाद देने में हर्ज़ ही क्या है ! :-))Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-5951807963663507542010-12-13T22:14:01.040+05:302010-12-13T22:14:01.040+05:30इसीलिए तो यहां का स्वर संवेदना का है।
अब यह तो कहन...इसीलिए तो यहां का स्वर संवेदना का है।<br />अब यह तो कहने से सकुचा रहा हूं कि यह जोड़ी ... !<br />छोडि़ए मुद्दे पर आते हैं। बहुत से हिट्स आपने दिया है यहां, सलिम ... सॉरी सलिल-चैत्न्य की तरह ही। और इसी तरह के प्रयोग हमने भी किए हैं करण के साथ ... पूरा उपन्यास लिख गये .. ‘त्यागपत्र’ ... गांव के पोखर पर पात्र पहुंच गया तो अगले को बोल दिए कि आगे का तुम लिख देना। टांगा से पात्र गांव में पहुंच गए तो बोले भाई उसे घर तक पहुंचा देना।<br />इस आनंद को वही महसूस कर सकता है, जिसने ऐसी जोड़ी बनाई हो। <br />बधाई और शुभकामनाएं।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-43992577843911639162010-12-13T21:32:20.560+05:302010-12-13T21:32:20.560+05:30अपनी तो जी यही दुआ है कि प्रेम गली यूँ ही गुलजार र...अपनी तो जी यही दुआ है कि प्रेम गली यूँ ही गुलजार रहे। शुरू में आपको एक शरारताना कमेंट किया था तो आपकी तरफ़ से जवाब आया था कि ऐसी ही जोड़ी है हमारी, ब्रिक भी दोनों की, बुके भी दोनों का। <br />शुभकामनायें ढेर सारी।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-76342556524563783752010-12-13T21:17:43.356+05:302010-12-13T21:17:43.356+05:30@संजय भास्कर:
विशेष तो यह आप लोगों के प्यार के कार...<b>@संजय भास्कर:</b><br />विशेष तो यह आप लोगों के प्यार के कारण हुयी है. किन्तु आपने अपना ट्रेड मार्क क्यों छोड़ दिया..एक बार में दो कमेन्ट करने का ट्रेड मार्क!!<br /><b>@शिवम मिश्र:</b><br />भाई आप तो दिल के करीब हैं... आप से कुछ भी छुपा नहीं.<br /><b>@सुनील कुमार:</b><br />धन्यवाद! राज़?? कौन सा राज़? हमारे प्रोफाइल पर (जब से हम बेनामी से नामवर हुए) हमारा परिचय ऑलरेडी लिखा है..लेकिन इसके बाद भी कोई इस नाम से तो कभी उस नाम से संबोधित करते रहे.. तब जाकर हमें पोस्ट ही लिखनी पड़ी... बोले तो ऑफिशियली!!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-79922519499755903532010-12-13T21:07:24.901+05:302010-12-13T21:07:24.901+05:30@सुज्ञ जी:
आप तो वैसे ही जुड़े हैं हमसे... और आपको ...<b>@सुज्ञ जी:</b><br />आप तो वैसे ही जुड़े हैं हमसे... और आपको तो हमने अलग से स्पष्ट कर दिया था.. बस ऐसे ही रिश्ता बनाए रखिये! <br /><b>@क्षमा जी:</b><br />देखिये आपने रोमन में पैर से पैर को PAIR से PAIR मिलाकर लिखा है.. देखिये हमने पेयर (जोड़ी) पक्की कर ली है!!<br /><b>@पंडित अरविंद मिश्र जी:</b><br />सर झुका रखा है हमने आपके आशीर्वाद की बारिश में भीगने के लिए!<br /><b>@देवेन्द्र पाण्डेय जी:</b><br />आप तो शुरू से जुड़े रहे हैं हमारे साथ. आपका आशीष शिरोधार्य!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-86321704810728790712010-12-13T19:52:04.660+05:302010-12-13T19:52:04.660+05:30सलामत रहे दोस्ताना तुम्हारा वैसे जोड़ी ज्यादा लोकप...सलामत रहे दोस्ताना तुम्हारा वैसे जोड़ी ज्यादा लोकप्रिय होती है यह राज खोलने का कारण क्या है ?Sunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-35342862847649898462010-12-13T19:33:21.480+05:302010-12-13T19:33:21.480+05:30लीजिये हम फिर हाज़िर है नया माल ले कर ...
सलिल भाई...लीजिये हम फिर हाज़िर है नया माल ले कर ...<br /><br />सलिल भाई से चर्चा हुयी थी इस मुद्दे पर भी कि पोस्ट ' किसी की और तारीफ किसी की '... बोले इस का ही तो मज़ा हम दोनों लेते है कि कैसा बनाया सब को !! <br /><br />वैसे आप लोगो ऐसे ही लिखते रहिये ... धीरे धीरे हम जैसे आपके मुरीद जान ही जायेगे किस ने क्या लिखा है ... तब तक यह मौज युही चलती रहे !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.com