tag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post6819526068408346577..comments2023-10-18T21:03:23.343+05:30Comments on सम्वेदना के स्वर: राजमाता का भय - युवराज आउल की कैसे हो जय!!सम्वेदना के स्वरhttp://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-78956085368114657282011-09-28T06:35:23.743+05:302011-09-28T06:35:23.743+05:30♥
पढ़ कर तो पहले ही चला गया था … बहुत रोचक मस्त...<b><a href="http://shabdswarrang.blogspot.com/" rel="nofollow">♥</a></b> <br /><br /><br />पढ़ कर तो पहले ही चला गया था … बहुत रोचक मस्त व्यंग्य प्रहसन है … बधाई !<br /><br />साथ ही …<br /><b> आपको सपरिवार<br />नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !</b> <br />-राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-69371629264962456522011-09-26T02:28:30.585+05:302011-09-26T02:28:30.585+05:30हाहाहाहाहाह बेजोड़ भाई क्या जबरदस्त नाटक है। नई मु...हाहाहाहाहाह बेजोड़ भाई क्या जबरदस्त नाटक है। नई मुगले आजम बन जाएRohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-38021227219342082712011-09-25T09:54:14.019+05:302011-09-25T09:54:14.019+05:30व्यंग लेखन में आपका जवाब नहीं. बहुत सुंदर. बधाई.व्यंग लेखन में आपका जवाब नहीं. बहुत सुंदर. बधाई.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-77813469359597073282011-09-24T00:23:57.860+05:302011-09-24T00:23:57.860+05:30गज़ब की व्यंग शैली ... किसी को नहीं बख्शा ..गज़ब की व्यंग शैली ... किसी को नहीं बख्शा ..संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-67618713131875073052011-09-23T23:23:05.515+05:302011-09-23T23:23:05.515+05:30@डॉ. अरविंद मिश्र:
पंडित जी, आप आगे बढ़ो,
हम आपके स...@डॉ. अरविंद मिश्र:<br />पंडित जी, आप आगे बढ़ो,<br />हम आपके साथ हैं!!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-85742994643370238972011-09-23T22:16:59.734+05:302011-09-23T22:16:59.734+05:30इस स्क्रिप्ट पर कहीं नुक्कड़ नाटिका हो जाय !मैं भी...इस स्क्रिप्ट पर कहीं नुक्कड़ नाटिका हो जाय !मैं भी करता हूँ कोशिश!Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-48478954418450106812011-09-23T19:56:09.298+05:302011-09-23T19:56:09.298+05:30:):)चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-77771721533092413052011-09-23T07:49:31.138+05:302011-09-23T07:49:31.138+05:30ओह, साधु साधु!
कितनी गंभीर बातों को कितनी आसानी स...ओह, साधु साधु!<br /><br />कितनी गंभीर बातों को कितनी आसानी से कह दिया। वर्तमान राजनीति के इस सच को उकेर कर आपने सचमुच देश की संवेदना को स्वर दिया है।<br />सादर।Arun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-12357247563104713542011-09-23T01:04:33.838+05:302011-09-23T01:04:33.838+05:30क्या मारा है! गिन-गिन के और फिर गिनती भूल कर फिर स...क्या मारा है! गिन-गिन के और फिर गिनती भूल कर फिर से गिन गिन के।<br />अति उत्तम व्यंग्य के साथ जो स्क्रिप्ट लिखी गई है उसमे न सिर्फ़ कसाव है बल्कि विषय की गंभीरता को व्यंग्यात्मक शैली में अत्यंत रोचकता से प्रस्तुत क्ररती है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-85018944205075316842011-09-22T22:47:03.827+05:302011-09-22T22:47:03.827+05:30वाह जनाब वाह ... खूब धुलाई कर दी है आपने आज अपने इ...वाह जनाब वाह ... खूब धुलाई कर दी है आपने आज अपने इस व्यंग्य के रूप में ... जय हो !शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-45306584935145253792011-09-22T22:08:16.657+05:302011-09-22T22:08:16.657+05:30युवराज Owl!:)
Very funny!युवराज Owl!:)<br />Very funny!निशांत मिश्र - Nishant Mishrahttps://www.blogger.com/profile/08126146331802512127noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-39567012850085903142011-09-22T19:49:25.527+05:302011-09-22T19:49:25.527+05:30हे संजयसम संवेदना के स्वर! अन्तःपुर में राजमाता द...हे संजयसम संवेदना के स्वर! अन्तःपुर में राजमाता द्वारा की गयी युवराज की लघु शब्द प्रताड़ना का शब्द चित्र अत्यंत सुन्दर है. ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि आपने अपने सुदीर्घ दीदों ( चक्षुओं ) से स्वयं ही सबकुछ प्रत्यक्ष देखा सुना हो. हे आर्यपुत्र ! यदि मेरा अनुमान सत्य है तो कृपया यह भी बताने की कृपा करें कि अन्तः पुर में आपका प्रवेश संभव कैसे हो पाया ? राजप्रासाद से आने वाले गुप्त संदेशों के अनुसार तो वहाँ सदैव ही कुटिल और भीषण राक्षसों का पहरा बना रहता है. उस राक्षसपुरी के प्रासाद के अन्तःपुर तक जाकर सत्य दृश्य की सूचना लाने के लिए आभारी हूँ .....अनुग्रहीत हुआ ...साधुवाद स्वीकार करें .बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-85397069665991683182011-09-22T19:37:47.478+05:302011-09-22T19:37:47.478+05:30प्रस्तुति अच्छी लगी । धन्यवाद ।प्रस्तुति अच्छी लगी । धन्यवाद ।प्रेम सरोवरhttps://www.blogger.com/profile/17150324912108117630noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-53849650396141799952011-09-22T17:29:30.802+05:302011-09-22T17:29:30.802+05:30बाउन्सर पर बाउन्सर मारे जा रहे हो, क्या बात है?...बाउन्सर पर बाउन्सर मारे जा रहे हो, क्या बात है? बहुत मेहनत से तैयार होती है ऐसी स्िक्रप्ट। बहुत बढिया। कुछ नाम समझ नहीं आए। आपकी संगत में रहेंगे तो समझ आने लगेंगे।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-85328378902653777742011-09-22T17:08:59.722+05:302011-09-22T17:08:59.722+05:30बेहतरीन कटाक्ष ...
क्या कहते हैं, धो के रख दिया .बेहतरीन कटाक्ष ...<br />क्या कहते हैं, धो के रख दिया .दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-84096575932481230502011-09-22T16:25:53.454+05:302011-09-22T16:25:53.454+05:30जबरदस्त ...क्या कहूं ..आँखों के सामने कॉमिक्स की ...जबरदस्त ...क्या कहूं ..आँखों के सामने कॉमिक्स की तरह तैर गया और हँस हँस कर पेट में मरोड़ पड़ गए .... मास्टरपीसsonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.com