tag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post811463854791036526..comments2023-10-18T21:03:23.343+05:30Comments on सम्वेदना के स्वर: खेल खत्म, पैसा हज़म ?सम्वेदना के स्वरhttp://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-82323658023012471392010-10-19T10:40:39.796+05:302010-10-19T10:40:39.796+05:30खेल तो अब शुरु हुआ है!खेल तो अब शुरु हुआ है!हास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-77281887348392535852010-10-18T07:57:48.526+05:302010-10-18T07:57:48.526+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्र...<b>बहुत अच्छी प्रस्तुति। राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।</b><br /><a href="http://raj-bhasha-hindi.blogspot.com/2010/10/blog-post_18.html" rel="nofollow">बेटी .......प्यारी सी धुन</a>राजभाषा हिंदीhttps://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-40557575161562708982010-10-16T17:49:31.710+05:302010-10-16T17:49:31.710+05:30बिलकुल सही कहा है ... खेल खतम, और पैसा हजम ... डका...बिलकुल सही कहा है ... खेल खतम, और पैसा हजम ... डकार हमें आती नहीं ...Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-23960597533341781852010-10-16T14:59:08.009+05:302010-10-16T14:59:08.009+05:30बढ़िया लेखन " खेल ख़तम पैसा हज़म " बधाई!...बढ़िया लेखन " खेल ख़तम पैसा हज़म " बधाई!रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-42067838483763965742010-10-16T11:03:38.099+05:302010-10-16T11:03:38.099+05:30भ्रष्टाचार दूर होने में तो सदियाँ लगेंगी शायद । अ...भ्रष्टाचार दूर होने में तो सदियाँ लगेंगी शायद । अपने यहाँ तो 'खेल ख़तम पैसा हज़म ' वाली कहावत ही चरितार्थ होती रहती है हमेशा ।ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-66867519557688937352010-10-16T00:28:19.457+05:302010-10-16T00:28:19.457+05:30वैसे आयोजन बढ़िया हो गया...वैसे आयोजन बढ़िया हो गया...Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-78846961559136058692010-10-15T23:26:48.126+05:302010-10-15T23:26:48.126+05:30जाँच को रोका ही इसीलिए गया था कि जब तक मैदान का खे...जाँच को रोका ही इसीलिए गया था कि जब तक मैदान का खेल ख़त्म हो तब तक ये अपने खिलाफ सबूतों का मैदान साफ कर सके अब करते रहो जाँच और खोजते रहे सबूत हम तो कब का भ्रष्टाचार करके बच निकालने का गोल्ड मैडल जीत चुके है |anshumalahttps://www.blogger.com/profile/17980751422312173574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-43469007261242699622010-10-15T22:56:21.185+05:302010-10-15T22:56:21.185+05:30व्यवस्था की अव्यवस्था के बीच मराठी कवि दिलीप चित्र...व्यवस्था की अव्यवस्था के बीच मराठी कवि दिलीप चित्रे की कविता का एक अंश याद आ गया, जिसे गोविंद निहलाणी की फिल्म फिल्म अर्धसत्य में स्मिता पाटील ने पढ़ा था... व्यवस्था,अव्यवस्था के बीच की व्यथा हर किसी की यही है, पर लबों पे ताले हैं: <br /><br />सोया हुआ आदमी<br />जब शुरू करेगा चलना नींद से उठकर<br />तब वह देख ही नहीं पाएगा दुबारा<br />सपनों का संसार<br /><br />उस निर्णायक रोशनी में<br />सब कुछ एक जैसा होगा क्या?<br />एक पलड़े में नपुंसकता<br />दूसरे पलड़े में पौरुष<br />और तराजू के काँटे पर बीचों-बीच<br />अर्धसत्य।चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-60593945831424794062010-10-15T21:54:42.569+05:302010-10-15T21:54:42.569+05:30कहने का क्या है गर्व से तो हम यह भी कह सकते हैं क...कहने का क्या है गर्व से तो हम यह भी कह सकते हैं कि सत्तर हजार करोड़ खर्च किए हैं। लेकिन खेलों में हम कहां हैं यह तो हॉकी के फाइनल मैच ने बता ही दिया। संतोष की बात शायद यही है कि दिल्ली को कुछ कुछ नया मिल गया है।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-33613328322241846422010-10-15T21:37:09.059+05:302010-10-15T21:37:09.059+05:30@अपनत्वः
सरिता दी, अब तो यह ब्लड प्रेशर का लेवेल ह...@अपनत्वः<br />सरिता दी, अब तो यह ब्लड प्रेशर का लेवेल ही नॉर्मल हो गया है.. कब तक कबूतर की तरह आँख बंद कर बिल्ली के न होने की कल्पना करते रहें… बाकी बढते रक्तचाप से रक्षा के लिए आप बड़ों का आशीर्वाद तो है ही... रही बात सलिल बिहारी से सकारात्मकता की तो इसका उत्तर तो हम दोनों की तरफ से यही है कि हम दोनों ने कभी लिखे में विभेद नहीं किया कि यह मेरा है वह तुम्हारा.. जो है वह हमारा है... अच्छा, बुरा, उच्च, निम्न या सामान्य (रक्त चाप)… <br />:)सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-24918128570238036132010-10-15T19:27:46.005+05:302010-10-15T19:27:46.005+05:30Are ha ek baat rah gayee humare Biharee bhaiya se ...Are ha ek baat rah gayee humare Biharee bhaiya se thdee sakaratmak soch le hee lo.............<br />:)Apanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-77983325674492756382010-10-15T19:01:21.965+05:302010-10-15T19:01:21.965+05:30kuch kabhee sakaratmak dekhana swasth blood pressu...kuch kabhee sakaratmak dekhana swasth blood pressure thouno ke liye laabhdayak hoga...........<br />aisee meree soch hai..........Apanatvahttps://www.blogger.com/profile/07788229863280826201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-78919477786186109472010-10-15T17:34:02.582+05:302010-10-15T17:34:02.582+05:30इज्जत बच गई ...काफी नहीं क्या?:)इज्जत बच गई ...काफी नहीं क्या?:)shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-16281842799371146952010-10-15T17:01:21.445+05:302010-10-15T17:01:21.445+05:30हमारे खिलाडियों की प्रतिभा पर कोई सवाल नहीं वे सब ...हमारे खिलाडियों की प्रतिभा पर कोई सवाल नहीं वे सब क़ाबिल-ए-तारीफ हैं पर उन्हें अमेरिका / रूस / चीन / जर्मनी / जापान जैसी खेल महाशक्तियों को ध्यान में रखकर अगली तैय्यारियां करनें में जुट जाना चाहिये उनकी उपलब्धियां तभी परखी जायेंगी, कडवा सही पर यही एक सच है !<br /><br />औपनिवेशिक गर्व यात्रा का अवैध गर्भ 70000 करोड रुपये की चपत लगा गया ! पता नहीं कब कटेगी यह गर्भनाल ?<br /><br />करोडों भारतीयों और देश से छल कर जिन लोगों नें पैसे बनाये हैं वे अपनें अपराध को 100 पदकों की ओट में छुपानें की फिराक़ में हैं ! मासूम और प्रतिभाशाली खिलडियों पर गौरव करें , के नारे से अपनें अपचार पर पर्दा डालते "कलंक" कब तक छुपे रह पायेंगे ? <br /><br />छद्म राष्ट्र गौरवगान कम से कम हम तो नही ही गा रहे हैं ! हमारी निगाहें केवल और केवल पीछे छुपे हुए लम्पटों / खलचरित्रों पर है और ऐसे ही सोच रखनें वाले मित्रों के लिये दुआ करते हैं !<br /><br />आपका आलेख इतना अच्छा है कि भीतर का सारा आक्रोश बाहर आ गया !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-2523047088600290332010-10-15T16:26:18.324+05:302010-10-15T16:26:18.324+05:30@ उस्ताद जी!
आपके नम्बर सिर माथे!
जहां तक नकारा...@ उस्ताद जी! <br /><br />आपके नम्बर सिर माथे! <br />जहां तक नकारात्म्क दृष्टि का सवाल है हम इसे यथार्तपरक दृष्टि मानते हैं, कबूतर के आंखे बन्द कर लेने से बिल्ली उसे खाने का इरादा नहीं बदलने वाली। एक बार सबको समस्या दिखने लगे तो समाधान भी खोज निकाले जायेंगें!<br /><br />हाँ,आपकी टिप्पणी को 5/5.सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-25370460167875973872010-10-15T15:47:42.326+05:302010-10-15T15:47:42.326+05:30भगवान करे अन्तिम कॉलम में भी हम ऊपर चढ़ें।भगवान करे अन्तिम कॉलम में भी हम ऊपर चढ़ें।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-20701772655004899782010-10-15T14:51:15.780+05:302010-10-15T14:51:15.780+05:303.5/10
बढ़िया लेखन
नकारात्मक दृष्टि3.5/10<br /><br />बढ़िया लेखन <br />नकारात्मक दृष्टिउस्ताद जीhttps://www.blogger.com/profile/03230688096212551393noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-32912515442674747632010-10-15T14:49:28.643+05:302010-10-15T14:49:28.643+05:30"खेल खत्म, पैसा हज़म ?"
जी हाँ अब और क्या..."खेल खत्म, पैसा हज़म ?"<br />जी हाँ अब और क्या देखना रह गया……………मगर आयोजन तो सफ़ल रहा ना बस इसी के नीचे सारे घोटाले दब जायेंगे।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-72722974641260756252010-10-15T14:30:40.196+05:302010-10-15T14:30:40.196+05:30अभी तो "भाई लोगों" को छाती ठोकने दो........अभी तो "भाई लोगों" को छाती ठोकने दो........ बाकि फिर देखि जायेगी..... <br /><br />सात पुश्तों के लिए पैसा कमाया है : ५-१० साल जेल में भी चले जाएँ तो क्या दिक्कत है.....दीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-35379383049350331352010-10-15T13:50:17.711+05:302010-10-15T13:50:17.711+05:30इस खेल के पीछे के भ्रष्टाचार के खेल की जाँच अगर सह...इस खेल के पीछे के भ्रष्टाचार के खेल की जाँच अगर सही और सार्थक तरीके से नहीं हुयी तो लोग इस देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भी इस भ्रष्टाचार के लिए दोषी मानने लगेंगे ...क्योकि अंततः उनकी भी जिम्मेवारी तो बनती ही है इस प्रकार के खुले आम लूट वो भी देश के राजधानी में होने में .....दोषियों को हर हाल में सख्त से सख्त सजा दिया जाना चाहिए और अब तो भ्रष्टाचार के दोषियों को खुलेआम फांसी देने की जरूरत है तब जाकर इस भस्मासुर पर कुछ लगाम लग सकेगा ...honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2393124029977849570.post-5573355823116324322010-10-15T13:46:53.524+05:302010-10-15T13:46:53.524+05:30बहुत अच्छा आयोजन रहा। अब हम गर्व से कह सकते हैं कि...बहुत अच्छा आयोजन रहा। अब हम गर्व से कह सकते हैं कि हम बड़े आयोजन करने के हक़दार हैं। हमारी ओलम्पिक दावेदारी भी बनती है। <b>बहुत अच्छी प्रस्तुति। <br />सर्वमंगलमंगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।<br />शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोsस्तु ते॥<br />महाअष्टमी के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!</b>मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com