सम्वेदना के स्वर

यह ब्लॉग उस सनातन उत्सवधर्मिता को जीवित रखने का प्रयास है,

जिसमें भाव रस और ताल का प्रतीक आम आदमी का भा-- बसता है.
सम्वेदनाएँ...जो कला, साहित्य, दर्शन, विज्ञान, राजनीति आदि के माध्यम से अभिव्यक्त होती हैं, आम आदमी के मन, जीवन और सरोकार से होकर गुज़रती हैं तथा तलाशती हैं उस भारत को, जो निरंतर लड़ रहा है अपने अस्तित्व की लड़ाई.....

Monday, July 19, 2010

क्यों दुखी हैं, स्वामी अग्निवेश ?

“बुद्धू बक्से का बुद्ध – लोक सभा चैनल”… अपनी इस पुरानी पोस्ट में हमने स्वामी अग्निवेश के कार्यक्रम, “विचार मंथन” को सर्वोच्च स्थान पर रखा था. कारण सिर्फ इतना कि यह बेह्तरीन कार्यक्रम, भारत और इंडिया के विभाजन को, न मालूम कितने दृष्टिकोणों से उभार कर दिखाता है. इसी कार्यक्रम के एक एपीसोड में उन्होंने “मैला उठाने वालों” को लोकसभा चैनल के स्टूडियो में बुलाया था. इस कार्यक्रम में बिना किसी लाग-लपेट और चीख-चिल्लाहट के, आधुनिक समाज में इस तरह के काम और काम करने वालों की समस्यायों को ही नहीं बताया गया, अपितु मनुष्य द्वारा मनुष्य के शोषण की पूरी व्यवस्था को कुछ इस तरह उभार कर सामने लाया गया कि हमें ख़ुद पर शर्म आने लगी! यह आत्मग्लानि सालने लगी कि अप्रत्यक्ष रूप से हम भी इस षड़यंत्र में शामिल हैं, जिसमें देश का एक पूरा समाज जानवरों से भी बदतर जीवन जीने को मजबूर है. आखिर यह देश सबका है फिर इतनी असमानतायें क्यों ?

ख़ैर! इस कार्यक्रम का अन्त होने तक स्वामी अग्निवेश भी इतने द्रवित हो गये कि सजल नेत्रों से भावपूर्ण होकर, उन्होनें मंच पर उन सभी बुजुर्ग महिलाओं को बुलाया तथा माँ कह्कर सबके चरण स्पर्श किये और प्रतिज्ञा ली इस प्रथा के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखने की. उन्होंने स्वीकारा कि इस दिन से पहले अपनी माता के अतिरिक्त उन्होंने किसी स्त्री के चरण स्पर्श नहीं किए.

जब इंडिया के तुर्रम खाँ न्यूज़ चैनल; क़िकेट और बॉलीवुड की रंगीनियों की किस्सागोई कर रहे थे या किसी राजनीतिक पार्टी के पक्ष या विपक्ष में माहौल बनाने या बिगाड़ने की जुगत लगा रहे थे, तब स्वामी अग्निवेश लोकसभा चैनल पर अपने इस “विचारमंथन” कार्यक्रम में भारत के वास्तविक और ज़मीनी मुद्दों को चुन चुन कर सामने ला रहे थे, जैसे समाज मे फैलती शराबखोरी, ग्राम स्वराज –डिबरे बाज़ार, आदिवासियों की स्थिति, उपभोक्तावाद के दुष्परिणाम, खाप पंचायतों का सच, जेनेटिक फूड, कृषि क्षेत्र की समस्यायें आदि.

पिछले कुछ समय से अचानक यह कार्यक्रम बन्द हो गया. हमें एक अजीब सी परेशानी हो चली. लोकसभा चैनल के हम जैसे प्रेमियों को, इस कार्यक्रम की कमी बेहद खल रही है. रविवार की सुबह 9 बजे से 10 बजे का समय बहुत कचोटता है, इन दिनों!

अगर कार्यक्रम नहीं दिखाया जा रहा तो सवाल ये उठता है कि स्वामी अग्निवेश हैं कहाँ आजकल?

खबरों पर नज़र रखने वालों को पता होगा कि स्वामी अग्निवेश को भारत सरकार ने माओवादियों से वार्ता के लिये, अपना प्रतिनिधि बनाकर भेजा है. पिछले दिनों स्वामी अग्निवेश से सम्बन्धित सभी खबरें हम “प्रिंट-मीडिया” में ट्रैक करते रहे (क्या करें! “इलेक्ट्रॉनिक मीडिया” में तो इस तरह की खबरों की कोई जगह ही नहीं होती). खबरें तो अनेक थीं पर कोई खबर स्वामी अग्निवेश के बाबत नहीं थी.

कल रविवार दोपहर 2 बजे अचानक ही न्यूज़ एक्स चैनल पर महिला पत्रकार सीमा चिश्ती द्वारा स्वामी अग्निवेश का एक साक्षात्कार देखा, तो बहुत सी बातें खुल कर सामने आईं. इस साक्षात्कार में स्वामी अग्निवेश ने बताया कि माओवादियों के प्रतिनिधि के तौर पर किसी आज़ाद नामक व्यक्ति से उनकी बातचीत चल रही थी. भारत सरकार की ओर से 72 घंटे के सीज़-फायर का प्रस्ताव भी था. लेकिन इस बीच स्वामी जी को खबर मिली कि आदिलाबाद के जंगलों में हुए एक एनकाउंटर में आज़ाद और उत्तराखण्ड के एक पत्रकार हिमांशु पांडे को माओवादी कहकर मुठभेड़ में मार दिया गया है.

इस सारे घटनाक्रम से स्वामी अग्निवेश बहुत विचलित हुए हैं. उन्होंने बताया कि वो देश के गृहमंत्री से भी मिले, इस एनकाउंटर की जांच की विनती लेकर. परंतु गृहमंत्री जी ने एक वकील की तरह दो टूक जबाब दे दिया कि जब माओवादियों के द्वारा मारे गये सैकड़ों लोगों की हत्या की जाँच नहीं हो रही है, तो इन दो माओवादियों कि क्यों ?

बहरहाल, इतने पर भी स्वामी अग्निवेश ने आशा नहीं छोड़ी है. वो शांति-वार्ता के प्रयासों में लगे हैं!

स्वामी अग्निवेश के प्रयास सफल हों! माओवादियों में सम्वेदनाएँ जगें और सरकार भी सम्वेदनशील हों, यही आशा की जा सकती है, अब.

टेलीविज़न के स्टूडियो से निकल कर, अपनी जान हथेली पर लेकर निकले इस शांति के मसीहे की सम्वेदनाओं में हमारे स्वर भी शामिल हैं. स्वामी अग्निवेश जैसे लोगों को हम सब की दुआएँ चाहियें...

लोकसभा चैनल पर “विचारमंथन” कार्यक्रम का इंतज़ार...अब हम क़यामत तक करने को तैयार हैं.

16 comments:

हमारीवाणी said...

हिंदी ब्लॉग लेखकों के लिए खुशखबरी - "हमारीवाणी.कॉम" का घूँघट उठ चूका है और इसके साथ ही अस्थाई feed cluster संकलक को बंद कर दिया गया है. "हमारीवाणी.कॉम" पर कुछ तकनीकी कार्य अभी भी चल रहे हैं, इसलिए अभी इसके पूरे फीचर्स उपलब्ध नहीं है, आशा है यह भी जल्द पूरे कर लिए जाएँगे.

पिछले 10-12 दिनों से जिन लोगो की ID बनाई गई थी वह अपनी प्रोफाइल में लोगिन कर के संशोधन कर सकते हैं. कुछ प्रोफाइल के फोटो हमारीवाणी टीम ने अपलोड किये हैं अगर उनमें कुछ त्रुटी हो तो उपयोगकर्ता उनमें भी संशोधन कर सकता है.

अपनी ID बनाने की बाद अपना ब्लॉग हमें सुझाना ना भूलें.

आपके जितने भी सुझाव आएं हैं उनपर ध्यान दिया जा रहा है, उम्मीद है आप इसी तरह से अपने बहुमूल्य सुझाव हमें भेजते रहेंगे. किसी भी तरह की असुविधा के लिए हमारी पूरी टीम क्षमा की प्रार्थी है.



अगर आपने अभी तक अपना ब्लॉग हमारीवाणी.कॉम को नहीं सुझाया है तो झट से अपनी ID बनाइये और अपने ब्लॉग का URL हमें भेज दीजिये.


धन्यवाद!

हमारीवाणी.कॉम

Satish Saxena said...

स्वामी अग्निवेश हमेशा से ही अलग हट कर चुपचाप अपना कार्य करते रहे हैं ! शुभकामनायें !

ZEAL said...

.
स्वामी अग्निवेश के प्रयास सफल हों, माओवादियों में भी संवेदनाएं जागें ...यही हमारी भी प्रार्थना है ।
अच्छे और सच्चे इंसान कम ही होते हैं। अच्छा होगा यदि सरकार साथ दे। निरपराध लोग तो नहीं मारे जायेंगे।
.

दिगम्बर नासवा said...

स्वामी अग्निवेश की जुझारू छवि से लगता है वो अपने अथक प्रयास के द्वारा इस समस्या को सुलझाने का संजीदा प्रयास करेंगे ... हां सरकार को ईमानदार होना चाहिए ....

शिवम् मिश्रा said...

स्वामी जी को हमारी भी शुभकामनाएं ! शायद बहरे कानों तक उनकी आवाज़ पहुंचे !

स्वप्निल तिवारी said...

sachmuch kuch log kitne shantipriya hote hain bade bade kam karte hain leikin bina kisi ho halla ke ... han ...dono pakshon ko hi samvedan sheel hona hoga is mudde par...kewal garmi se garmi hi badhegi ,...aur aur bhi jyada nirdoshon ki jaan jayegi ..bahut zaroori hai swami ji ka safal hona...swami jo ki meri or se dher sari shubhkamnayen hain ..

मनोज कुमार said...

इस आलेख को पढकर मन में विचार मंथन चल रहा है।
यही आशा करते हैं कि स्वामी अग्निवेश के प्रयास सफल हों! माओवादियों में सम्वेदनाएँ जगें और सरकार भी सम्वेदनशील हों!
आपके साथ हम भी क़यामत तक करने को तैयार हैं।

रचना दीक्षित said...

एक सराहनीय पोस्ट

त्यागी said...

swami agnivesh is one joker and planted by congress. that is why he come on the tv channel which are sponsored by the congress.
www.parshuram27@blogpost.com

शिवम् मिश्रा said...

एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
आपकी चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं

Apanatva said...

prashansneey post maine unka T V Pgm kabhee nahee dekha par aapkee post padne ke baad lag raha hai ki kafee kuch mis kar diyaa..........
swameejee ke prayas safal ho inhee shubhkamnao ke sath.......

soni garg goyal said...

मैंने पहले भी आपकी पोस्ट पर कहा था की अभी तो में ये चैनल नहीं देखती लेकिन हाँ आपने जो जानकारी दी उसके लिए धन्यवाद !

Parul kanani said...

aise mahanubhaaw se mukhatib hona naya nahi..tv channels pe bharmaar hai :)

प्रवीण पाण्डेय said...

इन हत्याओं पर हम भी दुखी हैं। निष्कर्ष निकालना होगा।

Akshitaa (Pakhi) said...

सोचने वाली बात हो गई....

त्यागी said...

अरे यार किस के चक्कर में फंसे हो. देश का भला इस बहरूपिये से नहीं होने वाला.

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