आए दिन खबरों को पहले पन्ने से पिछले पन्नों तक और प्राइम टाइम से लेकर स्क्रोल पट्टियों तक सरकते हुए हम सब देखते हैं. कारण यह भी होता है कि जितनी तेजी से वो मुद्दा उठता है, उतनी ही ऊर्जा के साथ ज़िंदा नहीं रह पाता. खासकर तब जब उसका कोइ सटीक परिणाम सामने न आ जाए तो. क्योंकि सिर्फ ज़िंदा रखने के लिए तो कोइ खबर ढोई नहीं जा सकती.
हमने भी कई मुद्दे इस ब्लॉग पर उठाये. और उनके लिए एक फॉलो-अप पोस्ट की ज़रूरत महसूस की हमने. पहले भी कई बार लोगों के सवालों ने फॉलो-अप पोस्ट लिखने को मजबूर किया, कई बार हमें खुद ही लगा कि इस मुद्दे पर और भी कुछ कहा जाना चाहिए. हम आभारी हैं उनके जिन्होंने सवाल उठाये और उन मुद्दों को याद रखा ताकि एक नया दृष्टिकोण, नए तथ्य रखने का मौक़ा हमें मिला. एक संतोष मिलता है कि बात लोगों तक पहुँची.
पिछले दिनों हमने चंडीगढ के एक स्कूल में हुई दुर्घटना की चर्चा की थी. इस घटना ने इसलिए भी छुआ कि अपनी बच्ची वहाँ पढ़ती थी और उस प्रिंसिपल से व्यक्तिगत तौर पर मिल चुका था मैं. जो हुआ वो अफसोसजनक था, जो हो रहा था मीडिया के माध्यम से वो और भी अफसोसनाक था. लेकिन दो चार दिन पहले जो खबर अखबार में आई वो वास्तव में वैसी ही थी जैसे सूरज की गर्मी से तपते हुए तन को मिल जाए तरुवर की छाया. इस घटना का एक सकारात्मक परिणाम उस पूरी संस्था के लिए सुखद है जिसे हम विद्या का मंदिर कहते हैं. कौन हारा, कौन जीता, यह कोइ मुद्दा नहीं. मानवता जीती, अनेक बच्चों का विश्वास जीता और एक पावन संस्था के मूल्यों ने विजय पाई.
उस अखबार की खबर आपके लिए, जिसे आप हमारी फॉलो-अप पोस्ट कह सकते हैं! आभार उन सभी का जिन्होंने हमारे ब्लॉग के माध्यम से अपने सार्थक विचार रखे और सच्चाई के प्रति अपना समर्थन दर्ज किया!!
स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ आपराधिक शिकायत वापस
चंड़ीगढ़, जागरण सम्वाददाता : सेंट ज़ेवियर स्कूल सेक्टर -44 की दसवीं कक्षा की छात्रा जाह्ंवी के तीसरी मंज़िल से गिरने या गिराये जाने के मामले में समझौता हो गया है।
शनिवार को जान्ह्वी के पिता तिलकराज सतीजा ने स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ जिला अदालत में दायर आपराधिक शिकायत वापस ले ली। हादसे में घायल छात्रा के पिता तिलराज सतीजा ने पिछले महीने उनकी बेटी को तीसरी मंज़िल से गिराये जाने के आरोप लगाते हुये स्कूल प्रिंसिपल मर्विन वेस्ट के खिलाफ जिला अदालत में आपराधिक शिकायत दायर की थी। जिसके तहत अदालत ने गवाही के लिये तिथि निर्धारित कर दी थी।
शिकायतकर्ता के वकील द्वारा अदालत को सूचित किया गया कि उनके और अन्य पक्ष के बीच गलतफहमी दूर हो गयी है, जिससे मामला सुलझा लिया गया है, इसलिये वह आपराधिक शिकायत वापस ले रहे हैं।
मामले में छात्रा के पिता ने अपने वकील के जरिये स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ हथियार से गम्भीर रूप से घायल करने और मानहानि की धाराओं के तहत आपराधिक शिकायत दायर की थी। शिकायत में अदालत से उचित मुआवज़े की भी मांग की गई थी।
घटना के नकारात्मक पहलू पर शोर-मचाते मीडिया को भी हमने देखा और अब घटना के सकारात्मक पहलू पर इत्ती छोटी सी रिपोर्ट भी, जिसे छापा एक समाचार पत्र ने अपने स्थानीय पन्नों में । उधर एक महीने पहले इस खबर को राष्ट्रीय सुर्खिया बना देने वाले इलेक्ट्रानिक मीडिया ने तो आज तक सुध भी नहीं ली। ले भी क्यों? इस बीच और सनीखेज खबरे जो आ चुकी हैं। सकारात्मक खबरों को टीआरपी और विज्ञापन नहीं मिलते, ऐसा इन “ज्ञानीयों” का मानना है।