जन्तर मन्तर, नई दिल्ली और सेक्टर 17 सी, प्लाज़ा चंडीगढ से लोगों की कुछ जीवंत प्रतिक्रियायें
1. प्रधानमंत्री के पास क्रिकेट का वर्ल्ड कप मैच देखने का समय है, पर अन्ना से मिलने का समय नहीं है?
2. सरकारी लोकपाल बिल, दूध की रखवाली के लिये बिल्ली को नियुक्त करने जैसा है।
3. सरकार ने कुछ मंडी टीवी चैनलों के माधय्म से अन्ना हज़ारे और उनके अभियान के बारे में दुष्प्रचार शुरु किया है। उनका कहना है कि अन्ना और उनके लोग चुनाव जीत कर दिखायें तभी अपना बिल संसद में पास करा सकते हैं।
4. अपना घर अब हमें खुद साफ करना होगा।
5. ये नेता जनता के नौकर हैं, इनकी मालिक जनता है, ये नेता मालिक नहीं हैं।
6. एक बार चुनाव जीतने पर इन नेताऑ को देश लूटने का लाइसेंस नहीं मिल जाता।
- अरविंद केजरीवाल
7. प्रोफेसर राहुल गाँधी जो विश्वविद्यालयों में जाकर प्रवचन देते हैं, वो कहां हैं? उनके क्या विचार हैं इस जन लोकपाल बिल पर?
8. विश्व कप जीतने पर नई दिल्ली की सड़कों पर जीत का जश्न मनाने निकली श्रीमती सोनिया गाँधी क्या अन्ना से मिलने जन्तर मंतर नहीं आ सकती?
9. भाजपा जैसी पार्टियाँ भी दूध के धुली नहीं हैं, उन्होने तो सत्ता की खातिर अपने कोर मुद्दे तक ताक पर रख दिये, इस बिल के बारे में तो बात ही क्या करना।
10. विपक्ष यदि इस विषय पर सीरियस है, तो जन लोकपाल बिल के समर्थन में आये और उसके संसद सदस्य इसके समर्थन में हस्ताक्षर करें।
11. करोड़ॉ रुपये के चाय और बिस्क़ुट अपनी एक छोटी सी मीटिंग में चाट जाने वाली सरकार की असम्वेदनशीलता का इससे बढकर उदाहरण और क्या होगा कि पिछले चार दिन से भूखे 73 वर्ष के अन्ना हज़ारे के अनशन के दिनों को बढता देख रही है।
12. अन्ना नहीं ये आँधी है, देश का असली गाँधी है।
13. अब ताज उछाले जायेंगे, अब तख्त गिराये जायेंगे।
14. रात को ये हौसला खलता रहेगा रातभर.
एक मिट्टी का दिया जलता रहेगा रातभर .
- रवि
अंतर्जाल पर अन्ना के बारे में कुछ रोचक लिंक
11 comments:
बिगुल बज चुका है
अब भ्रष्टाचारी जान बचाकर भागते नजर आयेगंे
अन्ना के साथ देश की आधी से अधिक जनता है...
बस आरजू यही है ये कारवां बढ़ता ही चला जाए.. ये अभियान एक जनक्रांति बन भ्रस्टाचार को ख़त्म कर ही दम लें ... सबके सामने शासन-प्रशासन में बैठे बड़ी बड़ी ढींगे हाकने वालों के नाकों चने चबुवाकर बता दें की कमजोर समझी जानी वाली जनता जब जागती है तो क्या कर सकती है!
सब चाहते हैं कि देश और सुन्दर हो।
स्वागतेय ताजी वैचारिक बयार. (भाइयों को ऐतराज न हो कि आंधी, तूफान, सुनामी क्यों नहीं कहा जा रहा है.)
मिशन कामयाब हो, यही कामना करते हैं।
Victory is certain.
भ्रष्टाचार पर रोक लगे तभी सच्ची समृद्धि संभव है
बहुत माकूल प्रश्न -मुझे भी जवाब का इंतज़ार है !
'dinkarjee'ki do pangtiyan yaad aa rahi hain....'singhasan khali karo ki janta aati hai......'
सही प्रश्न!
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