सम्वेदना के स्वर

यह ब्लॉग उस सनातन उत्सवधर्मिता को जीवित रखने का प्रयास है,

जिसमें भाव रस और ताल का प्रतीक आम आदमी का भा-- बसता है.
सम्वेदनाएँ...जो कला, साहित्य, दर्शन, विज्ञान, राजनीति आदि के माध्यम से अभिव्यक्त होती हैं, आम आदमी के मन, जीवन और सरोकार से होकर गुज़रती हैं तथा तलाशती हैं उस भारत को, जो निरंतर लड़ रहा है अपने अस्तित्व की लड़ाई.....

Saturday, April 9, 2011

थैंक्यू अन्ना!

ईमानदार” प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार ने एक सच्चे संत के सामने अंतत: घुटने टेक दिये और आज सुबह अन्ना ने अपना अनशन तोड़ दिया।

   सरकारी नोटिफिकेशन की प्रति जनता की अदालत में

अन्ना हज़ारे के नेतृत्व में देश की जनता ने जिस अन्दाज़ में अपना समर्थन दिया है, उसे देखकर घोर निराशा में जी रहे हम जैसे बहुत से लोगों के भीतर उम्मीदें फिर जाग गयीं हैं।


नवरात्र के इन पिछले पांच दिनों के सारे धटनाक्रम का मनोवैज्ञानिक पहलू यह रहा कि हमारी तरह पूरे देश ने  घनघोर अव्यव्स्था से उपजे अवसाद को बहुत ही गाधींवादी तरीके से बाहर निकालकर कैथार्टिक रिलीफ महसूस किया।

आदर्श व्यव्स्था तो यह होती कि जनता के द्वारा चुनी हुयी सरकार, सत्य की तरह सरल और निष्पाप होती परंतु जो कूटनीति और दबाब की राजनीति सरकार ने खेली, वह उलटा उसी के गले पढ़ गयी। और अब, सरकार के पांच प्रतिनिधि (प्रणव मुखर्जी, कपिल सिब्बल, चिदम्बरम, वीरप्पा मोएली और सलमान खुर्शीद) अन्ना की टीम (अन्ना हज़ारे, शांति भूषण, प्रशांत भूषण, संतोष हेगडे, अर्विन्द खेजरीवाल) के सामने बहुत बौने दिखाई दे रहें हैं।

पहला कदम उठा लिया गया है। थैंकू अन्ना !!

20 comments:

सम्वेदना के स्वर said...

The Comptroller and Auditor General of India, Vinod Rai, today asked people to take upon themselves the task of cleansing the system because the government will never fight corruption.

“We can no longer afford to deceive ourselves that it is the duty of the government of the day to fight corruption and indeed see them fail,” Rai said addressing a packed hall of CEOs at the annual conference of the Confederation of Indian Industry.

The CAG called for a “paradigm shift”, from the old paradigm of government action and civil society inaction, to one wherein the ultimate stakeholder takes upon himself the responsibility of improving the quality of governance. “That (earlier) model has failed. It will not deliver by itself, unless you and me make it deliver,” the CAG said.

Amrita Tanmay said...

बधाई हो ..अन्ना के साथ हम जीत गए .

देवेन्द्र पाण्डेय said...

बधाई हो..

प्रवीण पाण्डेय said...

बड़ा सार्थक प्रारम्भ।

शिवम् मिश्रा said...

इंक़लाब जिंदाबाद ...

ज्ञानचंद मर्मज्ञ said...

यह जनता की शक्ति की जीत है !

shikha varshney said...

थंक यू अन्ना ...

संजय @ मो सम कौन... said...

अब आगे?

Apanatva said...

sahee disha me uthate kadam aur swayam me bhee aastha jan samooh ne Annajee ke netratv me mahsoos kee hai.........
ye to shuruaat hai...

mujh aashavadee ko bhavishy ujala nazar aa raha hai.

shubhkamnae aur pahle kadam kee badhaee....

Deepak Saini said...

बधाई हो..

अन्ना जीत गए. जय हो..

बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरना said...

@ संजय, अब आगे यह कि हम खुद अपने अन्दर भी एक क्रान्ति लाने के अभियान में जुट जाएँ. भ्रष्टाचार से लड़ना इतना आसान नहीं है .....हमें खुद भी इमानदार बनना ही पडेगा.

बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरना said...

@ संजय, अब आगे यह कि हम खुद अपने अन्दर भी एक क्रान्ति लाने के अभियान में जुट जाएँ. भ्रष्टाचार से लड़ना इतना आसान नहीं है .....हमें खुद भी इमानदार बनना ही पडेगा.

Smart Indian said...

शुक्रिया अन्ना। आम भारतीय तो रोज़ ही इस भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने हिस्से की जंग लड रहा है राशन कार्ड के दफ्तर से पासपोर्ट दफ्तर तक, गरीब-उन्मूलन से पुलिस दमन तक।

अरुण चन्द्र रॉय said...

पिछले कुछ दशको में .. लोकतंत्र में पहली बार लोक की जीत हुई है ...

राजेश उत्‍साही said...

कम से कम अन्‍ना के इस मंतर ने मुझे अपने रोजमर्रा के जीवन में भ्रष्‍टाचार से लड़ने का एक जंतर तो दिया ही है। अभी हम सुरंग के एक छोर पर ही हैं,अंदर बहुत अंधेरा है। पर सुरंग में घुस गए हैं तो निकलेंगे जरूर।

स्वप्निल तिवारी said...

bahut ummeed jaagi hai...:)

Udan Tashtari said...

अन्ना, जिन्दाबाद!

Satish Saxena said...

खुशकिस्मत हैं हम लोग कि यहाँ अन्ना हजारे हैं....शतायु हों यह महात्मा !

ZEAL said...

Thanks to Anna and thanks to you as well, for this beautiful post.

रचना दीक्षित said...

यह तो बस एक शुरुआत है. अभी कानून बनने से क्रिआन्वित होने तक के सफर में ये एकता बनाए रखनी है.

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