भाव, रस और ताल से बने भारत की सम्वेदनाओं की अभिव्यक्ति
सम्वेदना के स्वर
यह ब्लॉग उस सनातन उत्सवधर्मिता को जीवित रखने का प्रयास है,
जिसमें भावरस और ताल का प्रतीक आम आदमी का भा-र-त बसता है.
सम्वेदनाएँ...जो कला, साहित्य, दर्शन, विज्ञान, राजनीति आदि के माध्यम से अभिव्यक्त होती हैं, आम आदमी के मन, जीवन और सरोकार से होकर गुज़रती हैं तथा तलाशती हैं उस भारत को, जो निरंतर लड़ रहा है अपने अस्तित्व की लड़ाई.....
3 comments:
Bus itna he ki
Death is a new beginning.
naynaam chhidanti shastraani
nanam dahati pavaka
na chainamkladyantapo
naynaam shoshati maruta
इश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे
MAY HIS SOUL REST IN PEACE!! AMEN!!!
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