सम्वेदना के स्वर
यह ब्लॉग उस सनातन उत्सवधर्मिता को जीवित रखने का प्रयास है,
जिसमें भाव रस और ताल का प्रतीक आम आदमी का भा-र-त बसता है.
सम्वेदनाएँ...जो कला, साहित्य, दर्शन, विज्ञान, राजनीति आदि के माध्यम से अभिव्यक्त होती हैं, आम आदमी के मन, जीवन और सरोकार से होकर गुज़रती हैं तथा तलाशती हैं उस भारत को, जो निरंतर लड़ रहा है अपने अस्तित्व की लड़ाई.....
20 comments:
Bada achha laga in tasveeron ko dekh! Jaise ham shamil hon!
jai ho!
एक इधर तो एक उधर हैं
सम्वेदना के स्वर मुखर हैं।
...वाह!
हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए
आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी
शर्त थी लेकिन कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए
हर सड़क पर, हर गली में, हर नगर, हर गाँव में
हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए
सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं
मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए
मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही
हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए
इंक़लाब जिंदाबाद - जय हिंद !!
शिवम जी ने बहुत सटीक पंक्तियाँ लिखी हैं. आभार तस्वीरों के लिए.
ये व्रत सफल हो ।
chaitanya bhaai! aapka aadesh tha, taal bhi to nahin saktaa thaa.. swami Agniveshm Kejriwaal, kiran Bedi bhi wahin maujood the.. logon ka hujoom dekhne laayak thaa. media, cameras aur naare ke beech shaant baithe Anna Hazare!!! Adbhut Drshya!!
बहुत अच्छा लगा सलिल सर का जाना जंतर मंतर पहुंचना.. शुक्रिया .
पर चित्रों में भगवाधारी कम्युनिस्टी अग्निवेश भारतमाँ के चित्र से मंच शेयर करते हुये।
कितना अनोखा देश है मेरा - सच्ची
saarthak pahal
जो इंसान व्यक्तिगत हितों को त्याग कर हम सब के लिए अकेला लड़ रहा है वो पूज्यनीय है...
नीरज
शुभकामनायें।
photos ke liye dhanyawad
maine bhi HAZARE ji ke abhiyan me ragistration kara liya hai
kal aapke dwara diye gaye no. par miss call karke
dhanywad
मैं सच्चे दिल से ये प्रार्थना करता हूँ की अन्ना हजारे का यह प्रयास शीघ्रता से सफल हो.
आगे का हाल जानने भी यहां आएंगे.
इस मुद्दे पर पहली बार ऐसा जोश दिख रहा है, खुशी है।
इस मुद्दे पर पहली बार ऐसा जोश दिख रहा है, खुशी है।
देश की खातिर
देश में लोकपाल विधेयक पास हो, यह सपना पूरा हो। राजा और प्रजा के लिए अलग-अलग कानून अब नहीं चलेंगे। अन्ना हजारे विजयी होंगे।
चाल चिंतन के प्रदूषण से देश को और खुद को महफूज़ रखने के लिए इस मुहीम जुडना ही होगा सबको.
एह अलख जगाए रखिये.
अच्छे चित्र...हम अन्ना के साथ हैं.
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